Himachal: आपदा से बचाव के लिए कुल्लू में लगेगी 'देव संसद', 30 अक्तूबर काे होगा जगती अनुष्ठान

Edited By Vijay, Updated: 26 Oct, 2025 08:58 PM

dev sansad to be held in kullu to prevent disaster

प्रदेश में हाल ही में आई विनाशकारी आपदाओं के बाद भविष्य में ऐसी त्रासदियों से बचाव के लिए देवभूमि हिमाचल में एक अनूठी पहल होने जा रही है।

शिमला (ब्यूरो): प्रदेश में हाल ही में आई विनाशकारी आपदाओं के बाद भविष्य में ऐसी त्रासदियों से बचाव के लिए देवभूमि हिमाचल में एक अनूठी पहल होने जा रही है। प्रदेश के इतिहास में पहली बार कुल्लू के नग्गर में 30 अक्तूबर को एक 'देव संसद' (जगती अनुष्ठान) का आयोजन किया जाएगा, जिसमें 350 देवी-देवता मंथन कर आपदा निवारण का मार्ग सुझाएंगे।

हिंदू जागरण हिमाचल प्रदेश की कार्यसमिति सदस्य पुष्पा ठाकुर ने बताया कि यह 'जगती' नामक एक प्राचीन देव परम्परा है, जिसका मुख्य उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं को रोकने और सामूहिक प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए देव आदेश प्राप्त करना है। इस अभूतपूर्व आयोजन में 350 देवी-देवताओं के प्रतिनिधि अपने देव चिन्हों के साथ शामिल होंगे और देववाणी के माध्यम से भविष्य में आने वाली आपदाओं से बचाव का समाधान खोजेंगे।

उन्होंने कहा कि इस आयोजन का उद्देश्य केवल आध्यात्मिक समाधान खोजना ही नहीं, बल्कि लोगों को प्रकृति के प्रति संवेदनशील बनाना भी है। देव आस्था के माध्यम से लोगों को एकजुट कर भविष्य में ऐसी आपदाओं को रोकने के लिए सामूहिक प्रयासों को बढ़ावा दिया जाएगा।

यह आयोजन कुल्लू घाटी की समृद्ध देव परम्परा और संस्कृति का भी एक बड़ा प्रदर्शन होगा। इसमें स्थानीय लोगों के अलावा दूर-दूर से श्रद्धालु भी शामिल होंगे, जो इस ऐतिहासिक देव समागम के साक्षी बनेंगे। माना जा रहा है कि यह आयोजन सांस्कृतिक आदान-प्रदान और पर्यटन को भी बढ़ावा देगा।

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