Edited By Kuldeep, Updated: 14 Apr, 2025 10:19 PM

डाडासीबा में सोमवार को एक अभिषेक धीमान नामक युवक ने डाडासीबा पुलिस पर प्रताड़ना के आरोप लगाने के बाद जहरीली वस्तु निगल ली।
डाडासीबा (सुनील): डाडासीबा में सोमवार को एक अभिषेक धीमान नामक युवक ने डाडासीबा पुलिस पर प्रताड़ना के आरोप लगाने के बाद जहरीली वस्तु निगल ली। जिसके बाद डाडासीबा पुलिस थाने में हड़कम्प मच गया। अभिषेक धीमान ने इस तरह का कृत्य करने से पहले डाडासीबा पुलिस थाना के सामने फेसबुक पर लाइव होकर आत्महत्या करने की धमकी देते हुए वीडियो पोस्ट किया। उसने डाडासीबा पुलिस तथा कुछ अन्य लोगों पर गंभीर आरोप लगाए और बकायदा पुलिस कर्मियों का नाम भी सार्वजनिक किया जिनके द्वारा उन्हें मानसिक तौर पर परेशान किया जा रहा था।
वीडियो वायरल होने के बाद उक्त युवक गायब हो गया। जब परिवार के लोगों को पता चला कि अभिषेक धीमान ने पुलिस की कार्रवाई से परेशान होकर कोई जहरीली वस्तु निगल ली है तो वो अभिषेक को ढूंढने के लिए इधर-उधर भटकने लगे। डाडासीबा पुलिस और परिजनों को अभिषेक साथ लगती पौंग झील के पास मिला जहां पर उसने कोई जहरीली चीज निगल ली थी। अभिषेक को उसके बाद उन्हें सिविल हॉस्पिटल डाडा सीबा में दाखिल करवाया गया, जहां डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद अभिषेक को उपचार के लिए टांडा मैडीकल कालेज रैफर कर दिया।
10 अप्रैल को दो गुटों के बीच शराब के कारोबार को लेकर हुई थी बहसबाजी
बता दें कि पुलिस थाना डाडासीबा के अंदर 10 अप्रैल को दो गुटों के बीच शराब के कारोबार को लेकर बहसबाजी हुई थी। पुलिस के समझाने पर भी दोनों पक्षों के लोग नहीं माने और इस बीच पुलिसकर्मियों के साथ भी धक्कामुक्की हुई थी। डाडासीबा पुलिस के हैड कांस्टेबल ने इस पूरे घटनाक्रम के बाद देहरा पुलिस थाना के अंदर एफआईआर दर्ज करवा दी जिसमें कहा गया कि अभिषेक, परीक्षित, लक्की तथा उनके अन्य साथियों ने पुलिस के साथ हाथापाई करने के अलावा सरकारी संपत्ति को भी नुक्सान पहुंचाया है। अगले दिन पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए उनके घर पर पहुंच गई लेकिन आरोपी पुलिस के हत्थे नहीं चढ़े। आरोपियों ने न्यायालय से जमानत करवा ली।
राजनीतिक दबाव में आकर षड्यंत्र रचा : परीक्षित
अभिषेक के भाई परीक्षित के अनुसार डाडासीबा पुलिस द्वारा उन्हें नियमित रूप से थाना में बुलाया जा रहा था जिससे अभिषेक काफी परेशान थे। इनका आरोप है कि पुलिस ने उन्हें फंसाने के लिए राजनीतिक दबाव में आकर षड्यंत्र रचा है जबकि उन्होंने न तो पुलिस के साथ हाथापाई की तथा न ही सरकारी संपत्ति को नुक्सान पहुंचाया था। अभिषेक के भाई परीक्षित ने सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल करते हुए आरोप लगाया कि इसमें स्थानीय कांग्रेस नेता के अलावा थाना के कुछ कर्मचारियों ने मिलकर अभिषेक के खिलाफ बड़ा षड्यंत्र रचा जिस कारण अभिषेक ने जहरीली वस्तु निगलकर जान देने का प्रयास किया। उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य में यदि अभिषेक के साथ कोई अप्रिय घटना घटती है तो उसके जिम्मेदार उक्त पुलिसकर्मी होंगे।
पुलिस पर लगाए गए आरोप निराधार : मयंक
एस.पी. देहरा मयंक चौधरी ने प्रैस विज्ञप्ति के माध्यम से कहना है कि 10 अप्रैल को पुलिस थाना देहरा के अधीन पुलिस चौकी डाडासीबा में एक मुकद्दमा दर्ज हुआ था। जिसमें अभियुक्तों न्यायालय में अंतरिम वेल लगाई गई है। जिस की रिप्लाई 24 अप्रैल को पुलिस थाना देहरा कि तरफ से न्यायालय में पेश की जानी है। आरोपियों को न्यायालय ने पुलिस के साथ तफ्तीश होने के आदेश दिए थे। जिस कारण तफ्तीश के सिलसिले में नामजद अभिषेक, परीक्षित, ओम दत्त, अश्विनी उर्फ लक्की और हरदीप कुमार को सोमवार को पुलिस चौकी डाडासीबा में आए थे। उपरोक्त सभी से अन्वेषण अधिकारी द्वारा बारी-बारी से अभी पूछताछ शुरू की जा रही थी तथा बयान कलमबंद किया जा रहे थे कि इतने में अभिषेक कुमार अचानक से फोन सुनते हुए पुलिस चौकी से बाहर चला गया तथा वह वह फेसबुक पर लाइव हो गया तथा मौका से फरार हो गया।
जिसे पुलिस जवानों ने बड़ी मुश्किल से ढूंढा तथा ढूंढने के उपरांत ऐसा पाया गया कि अभिषेक ने किसी जहरीले पदार्थ / वस्तु का सेवन कर लिया है। अभिषेक को तुरंत उसी समय पुलिस की सहायता से अस्पताल पहुंचाया गया जहां पर अभिषेक उपरोक्त की हालत स्थिर बनी हुई है। एसपी का कहना है कि देहरा पुलिस यह स्पष्ट करना चाहती है की पुलिस द्वारा आरोपी अभिषेक कुमार से किसी भी प्रकार की मारपीट, गाली-गलोच व अभद्र भाषा का प्रयोग नहीं किया गया व लगाए जा रहे आरोप निराधार हैं।