Edited By Vijay, Updated: 11 Jan, 2020 06:30 PM

भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माक्र्सवादी) ने प्रदेश व शिमला शहर में हुई बर्फबारी से निपटने में सरकार व नगर निगम शिमला को पूरी तरह से विफल करार दिया है तथा इस लचर व्यवस्था के लिए सरकार व नगर निगम प्रशासन की भत्र्सना की है। सीपीआईएम के अनुसार प्रदेश...
शिमला (योगराज): भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माक्र्सवादी) ने प्रदेश व शिमला शहर में हुई बर्फबारी से निपटने में सरकार व नगर निगम शिमला को पूरी तरह से विफल करार दिया है तथा इस लचर व्यवस्था के लिए सरकार व नगर निगम प्रशासन की भत्र्सना की है। सीपीआईएम के अनुसार प्रदेश सरकार, नगर निगम व जिला प्रशासन के बर्फबारी से निपटने के सारे दावे धरे के धरे रह गए हैं। बर्फबारी के 4 दिन बीतने के बावजूद भी जनता को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। प्रदेश की राजधानी में जनजीवन अस्त-व्यस्त है और न तो सड़क व रास्ते खोले गए हैं और न ही शहर की जीवन रेखा माने जाने वाली बस सेवा अभी सुचारू रूप से चल पा रही है, जिसके चलते खासकर मरीजों को अस्पताल तक पहुंचने के लिए अत्यंत कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।
सीपीआईएम के अनुसार शहर के बीचोंबीच अभी माल रोड, लोअर बाजार, लक्कड़ बाजार, कार्ट रोड आदि से भी नगर निगम व जिला प्रशासन बर्फ नहीं हटा पाया है जोकि इनकी लचर व्यवस्था को दर्शाता है। सीपीआईएम ने हैरानी इस बात पर हैरानी जताई कि हर वर्ष बर्फबारी से निपटने के लिए नगर निगम व जिला प्रशासन पहले ही इंतजाम कर लेता था लेकिन इस बार नगर निगम व जिला प्रशासन ने कोई भी इंतजाम नहीं किया, जिसके कारण जनता को परेशानियों को सामना करना पड़ रहा है। शिमला शहर में ही पिछले दिनों में इस अवव्यवस्था के कारण 2 लोगों की जान चली गई है और सैंकड़ों लोगों को गम्भीर चोटें आई हैं।
सीपीआईएम के सचिव मंडल सदस्य संजय चौहान ने कहा कि शिमला शहर का प्रदेश के अधिकांश इलाकों से आज भी संपर्क कटा हुआ है। विशेष रूप से शिमला शहर के ऊपरी इलाकों में अभी तक सड़क, बिजली व पानी आदि मूलभूत आवश्यकताओं को बहाल नहीं किया गया है। अभी तक मुख्य मार्ग ही सरकार खोलने में सक्षम नहीं है तो अंदरूनी इलाकों में तो व्यवस्था और भी बुरी तरह चरमराई हुई है। चौपाल, रोहड़ू, जुब्बल, कोटखाई, नारकंडा, ठियोग, रामपुर व किन्नौर आदि अधिकांश क्षेत्रों में बिजली व पानी की व्यवस्था ठप्प पड़ी है, जिससे इन क्षेत्रों में लोगों को अधिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने मांग की है कि प्रदेश सरकार शिमला व अन्य क्षेत्रों में सड़क, बिजली, पानी आदि मूलभूत आवश्यकताओं को तुरंत बहाल करने के लिए कदम उठाए ताकि जनता की इस परेशानी को दूर किया जा सके। वहीं प्रशासन को इस बर्फबारी से हुई क्षति का जायजा लेने का आदेश व प्रभावितों को तुरंत मुआवजा प्रदान किया जाए। यदि सरकार इससे निपटने के लिए तुरन्त उचित कार्यवाही नहीं करती है तो पार्टी सरकार की इस लचर व्यवस्था के विरुद्ध आंदोलन के लिए बाध्य होगी।