Edited By Vijay, Updated: 20 Dec, 2024 11:48 AM
विशेष न्यायाधीश सुंदरनगर के न्यायालय ने कुल्लू जिला की बंजार तहसील के गांव बेहलो (बाहू) निवासी महेंद्र सिंह पुत्र करम सिंह के खिलाफ एनडीपीएस की धारा 20 के तहत अभियोग साबित न होने पर उसे बरी करने का फैसला सुनाया है।
मंडी (रजनीश): विशेष न्यायाधीश सुंदरनगर के न्यायालय ने कुल्लू जिला की बंजार तहसील के गांव बेहलो (बाहू) निवासी महेंद्र सिंह पुत्र करम सिंह के खिलाफ एनडीपीएस की धारा 20 के तहत अभियोग साबित न होने पर उसे बरी करने का फैसला सुनाया है। अभियोजन पक्ष के अनुसार सुंदरनगर पुलिस ने 2 दिसम्बर, 2015 को बीबीएमबी झील के पास शीशमहल के नजदीक कपाही लिंक मार्ग पर गश्त के दौरान एक व्यक्ति के बैग से तलाशी के दौरान 372 ग्राम चरस बरामद हुई थी।
अभियोजन पक्ष की ओर से आरोपी के खिलाफ अदालत में चलाए गए अभियोग के दौरान 9 गवाहों के बयान कलमबद्ध करवाए गए जबकि बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता समीर कश्यप का कहना था कि इस मामले में एनडीपीएस की धारा 52-ए के प्रावधानों की अनुपालना नहीं की गई है।
अदालत ने अपने फैसले में कहा कि यह अविवादित तथ्य है कि पुलिस की तहकीकात के दौरान एनडीपीएस की धारा 52-ए के जरूरी प्रावधानों की मानना नहीं की गई है। विशेष अदालत ने यूसुफ उर्फ आसिफ बनाम स्टेट मामले में सुप्रीम कोर्ट की व्यवस्था के अनुसार उक्त प्रावधानों की मानना को आवश्यक माना।
अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन पक्ष की ओर से प्रस्तुत साक्ष्यों से आरोपी के खिलाफ चरस बरामदगी का अभियोग संदेह की छाया से दूर साबित नहीं हुआ है जिसके चलते अदालत ने संदेह का लाभ देते हुए आरोपी को बरी करने का फैसला सुनाया है।
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