सुप्रीम कोर्ट में खैर कटान पर लगी शर्त हटाने की मांग करेगी सरकार : सुखविंदर सिंह

Edited By Vijay, Updated: 09 May, 2023 10:31 PM

cm sukhvinder singh

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने कहा है कि राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में खैर कटान पर लगाई गई समय अवधि संबंधी शर्त हटाने की दलील रखेगी। सुप्रीम कोर्ट में हिमाचल प्रदेश में खैर के पेड़ों के कटान से संबंधित 2 मामले 10 मई को सूचीबद्ध हुए हैं।

शिमला (ब्यूरो): मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने कहा है कि राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में खैर कटान पर लगाई गई समय अवधि संबंधी शर्त हटाने की दलील रखेगी। सुप्रीम कोर्ट में हिमाचल प्रदेश में खैर के पेड़ों के कटान से संबंधित 2 मामले 10 मई को सूचीबद्ध हुए हैं। इसको लेकर प्रदेश सरकार खैर उत्पादक किसानों को राहत प्रदान करने के दृष्टिगत 10 वर्षीय कटान कार्यक्रम के अंतर्गत खैर कटान पर लगाई गई शर्त हटाने तथा सुविधा अनुसार उन्हें खैर कटान की अनुमति प्रदान करने के लिए अपना कानूनी पक्ष रखेगी। 

सरकार के पक्ष में निर्णय आने से किसानों को मिलेगी बड़ी राहत
मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि सुप्रीम कोर्ट का निर्णय राज्य सरकार के पक्ष में आता है तो इससे प्रदेश के किसानों को बड़ी राहत मिलेगी और खैर के पेड़ों के कटान के लिए वन विभाग की अनुमति अनिवार्य नहीं रहेगी। उन्होंने कहा कि इससे किसान अपनी सुविधा और आर्थिक आवश्यकताओं के अनुसार इसका कटान करने में सक्षम हो सकेंगे। खैर की लकड़ी से प्राप्त कत्था औषधीय गुणों से परिपूर्ण होने के कारण इसका विभिन्न दवाइयों के उत्पादन मेें उपयोग किया जाता है। ऐसे में राज्य सरकार की दलील है कि वनवर्धन (सिल्वीकल्चर) के दृष्टिगत खैर का कटान वन प्रबंधन सहित प्रदेश के राजस्व अर्जन के लिए भी बेहतर है। 

पूर्व में गठित समिति ने न्यायालय को सौंपी रिपोर्ट 
मुख्यमंत्री ने कहा कि खैर को 10 साल के कटाई कार्यक्रम के दायरे से बाहर करने और राज्य के किसानों के पक्ष में भूमि संरक्षण अधिनियम के प्रावधानों में छूट से संबंधित सुझाव प्रदान करने के लिए पूर्व में एक समिति का गठन किया गया था। इस समिति की तरफ से न्यायालय को अपनी रिपोर्ट सौंप दी गई है, जिसको लेकर संज्ञान लिए जाने की संभावना है। एक अन्य समान मामले में राज्य सरकार प्रदेश भर में सरकारी वन भूमि पर खैर के पेड़ों की कटाई की अनुमति की मांग कर रही है। वन विभाग का मानना है कि खैर के पुनर्जीवन संबंधी गुणों के कारण सरकारी भूमि पर वनों का कायाकल्प करने के दृष्टिगत इसके कटान की अनुमति मिलनी चाहिए। 

किसानों का कल्याण वर्तमान सरकार की प्राथमिकताओं में शुमार
वन विभाग की एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने प्रायोगिक आधार पर वर्ष 2018 में खैर के पेड़ों के कटान की अनुमति प्रदान की थी। इसके परिणामों का आकलन करने के लिए हाल ही में शीर्ष अदालत की एक केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति ने उन क्षेत्रों का दौरा किया जहां अदालत ने खैर के पेड़ों की कटाई की अनुमति प्रदान की थी और समिति ने अपने निष्कर्ष न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत कर दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों का कल्याण वर्तमान राज्य सरकार की प्राथमिकताओं में शुमार है और उन्हें लाभान्वित करने के लिए विभिन्न कदम उठाए जा रहे हैं। खैर कांगड़ा, ऊना, बिलासपुर, सिरमौर, सोलन और हमीरपुर जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों की कृषि अर्थव्यवस्था के घटकों में से एक है।

हिमाचल की खबरें Twitter पर पढ़ने के लिए हमें Join करें Click Here
अपने शहर की और खबरें जानने के लिए Like करें हमारा Facebook Page Click Here
 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!