फरिश्ता बनकर आए CM सुक्खू, घूमने आए बिछड़े बच्चे को परिवार से मिलाया

Edited By Jyoti M, Updated: 07 Jun, 2025 02:49 PM

cm sukhu came as an angel

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में कल रात एक ऐसा वाकया हुआ, जिसने हर किसी का दिल छू लिया। यहां घूमने आए एक परिवार का चार साल का बेटा मालरोड पर अचानक खो गया। लेकिन कहते हैं न, 'जाको राखे साइयां मार सके न कोय', देर रात मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू...

हिमाचल डेस्क। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में कल रात एक ऐसा वाकया हुआ, जिसने हर किसी का दिल छू लिया। यहां घूमने आए एक परिवार का चार साल का बेटा मालरोड पर अचानक खो गया। लेकिन कहते हैं न, 'जाको राखे साइयां मार सके न कोय', देर रात मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की नजर उस रोते हुए बच्चे पर पड़ी और उन्होंने उसकी मदद की। यह घटना सिर्फ एक बच्चे के खो जाने और मिल जाने की नहीं, बल्कि मानवीय संवेदना और जिम्मेदार नागरिकता का भी एक सुंदर उदाहरण बन गई।

क्या हुआ था?

शुक्रवार देर रात करीब 9:00 बजे, राजस्थान से शिमला घूमने आया एक दंपती अपने चार साल के बेटे के साथ मालरोड पर घूम रहा था। शिमला की ठंडी हवा और रात की चहल-पहल के बीच, अचानक उनका बेटा उनकी नज़रों से ओझल हो गया। माता-पिता ने मालरोड और रिज पर बच्चे को खूब ढूंढा, लेकिन वह कहीं नहीं मिला। उनकी चिंता बढ़ती जा रही थी, हर गुजरते पल के साथ उनका डर और गहरा होता जा रहा था।

इसी बीच, मालरोड पर मेट्रोपोल के पास एक छोटा बच्चा सड़क किनारे रो रहा था। वह काफी देर से अकेला था और अपने माता-पिता के बिना बुरी तरह डरा हुआ था। तभी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, महापौर सुरेंद्र चौहान और अन्य लोग पैदल ओक ओवर की ओर जा रहे थे। मुख्यमंत्री की नजर उस रोते हुए बच्चे पर पड़ी। उनका संवेदनशील स्वभाव तुरंत जाग उठा। सीएम सुक्खू बच्चे के पास रुके और उससे रोने का कारण पूछा। लेकिन बच्चा इतना सहमा हुआ था कि वह कुछ भी बता नहीं पा रहा था। आसपास मौजूद लोगों और अन्य सैलानियों से भी पूछताछ की गई, लेकिन किसी को भी उस बच्चे के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। बिना समय गंवाए, सीएम सुक्खू ने बच्चे का हाथ पकड़ा और उसे अपने साथ लेकर पैदल चलने लगे। उन्होंने बच्चे को शांत करने के लिए एक चॉकलेट दिलाई और उसे कहानियां सुनाईं। धीरे-धीरे बच्चे का डर कुछ कम हुआ। हालांकि, वह इतना घबराया हुआ था कि उसकी तबीयत बिगड़ने लगी। सीएम ने तुरंत पुलिस को बुलाया और बच्चे के माता-पिता का पता लगाने के निर्देश दिए।

पुलिस की कार्यवाही और परिवार से मिलन

पुलिस के पास भी तब तक बच्चे की गुमशुदगी की कोई शिकायत नहीं पहुंची थी, जिससे उसके माता-पिता का पता लगाना मुश्किल हो रहा था। लेकिन कुछ ही देर बाद, पुलिस को बच्चे के पिता नाज चौक के पास मिल गए। वे अपने बेटे को ढूंढते हुए बेहद परेशान थे। पुलिस ने उन्हें बताया कि उनका बच्चा सुरक्षित है। पिता ने पुलिस को बताया कि वे और उनकी पत्नी अपने बेटे के साथ मालरोड पर घूम रहे थे, तभी अचानक उनका बेटा उनकी आंखों से ओझल हो गया। वे पिछले एक घंटे से अपने बेटे की तलाश में मालरोड पर दौड़ रहे थे। जब वे सीएम सुक्खू के पास पहुंचे और अपने बेटे को सुरक्षित देखा, तो उन्होंने राहत की सांस ली। यह क्षण उनके लिए भावनाओं से भरा था। उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का दिल से धन्यवाद किया। महापौर सुरेंद्र चौहान ने बताया कि बच्चे को सुरक्षित उसके माता-पिता को सौंप दिया गया है। यह परिवार राजस्थान का रहने वाला है और वीकेंड पर छुट्टियां मनाने के लिए शिमला पहुंचा था। मुख्यमंत्री की इस पहल की हर जगह सराहना हो रही है।

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