Edited By Vijay, Updated: 08 Dec, 2024 01:29 PM
मंडी जिले की बल्ह तहसील के अंतर्गत आती डहणू पंचायत निवासी जौर्य के लिए प्रदेश सरकार का मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष वरदान साबित हुआ। आर्थिक तंगी के चलते सुनने की क्षमता से वंचित जौर्य के परिवार के लिए ये योजना उम्मीद की किरण बनकर आई।
मंडी (रजनीश): मंडी जिले की बल्ह तहसील के अंतर्गत आती डहणू पंचायत निवासी जौर्य के लिए प्रदेश सरकार का मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष वरदान साबित हुआ। आर्थिक तंगी के चलते सुनने की क्षमता से वंचित जौर्य के परिवार के लिए ये योजना उम्मीद की किरण बनकर आई। जौर्य अब सुनने लगा है और स्कूल भी जाने लगा है। वह राजकीय प्राथमिक पाठशाला डहणू में दूसरी कक्षा में पढ़ रहा है।
शकुंतला देवी पत्नी दिवान चंद ने बताया कि वर्ष 2018 में उनके घर जौर्य पैदा हुआ। एक वर्ष की उम्र में पता चला कि जौर्य को सुनने में कठिनाई है, ऐसे में वे उसे उपचार के लिए नागरिक अस्पताल सुंदरनगर ले गए। वहां से उसे आईजीएमसी शिमला के लिए भेजा गया। डॉक्टरों के परामर्श पर उसे श्रवण मशीन लगाई गई और 6 माह तक उसे निगरानी में रखा गया। इससे भी जौर्य की श्रवण शक्ति में कोई अंतर न आने पर उसे पीजीआई चंडीगढ़ ले जाया गया। वहां डॉक्टरों ने बताया कि एक ऑप्रेशन के जरिए जौर्य के सिर के पिछले हिस्से में श्रवण यंत्र डालना होगा। इसके उपचार पर लाखों रुपए व्यय होने थे।
बकौल शकुंतला देवी परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी न होने कारण उपचार के लिए पैसा जुटाने में उन्हें कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। उन्होंने वर्ष 2020 में आर्थिक सहायता के लिए आवेदन किया। इसी बीच उन्हें मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष के बारे में जानकारी प्राप्त हुई। इसके उपरांत फरवरी, 2023 में पुनः आर्थिक मदद के लिए आवेदन किया। प्रदेश सरकार की ओर से उन्हें तत्काल सहायता राशि के रूप में साढ़े 4 लाख रुपए स्वीकृत किए गए। शकुंतला देवी ने बताया कि जुलाई, 2023 में उन्हें 2 लाख रुपए की पहली किस्त प्राप्त हुई और अगस्त माह में अढ़ाई लाख रुपए की दूसरी किस्त भी प्राप्त हो गई। इससे बेटे के उपचार में उन्हें काफी मदद मिली।
शकुंतला देवी ने बताया कि पहले जहां बेटे के साथ इशारों में बात करनी पड़ती थी, वहीं इस ऑप्रेशन के बाद अब उसे सुनाई देने लगा है। शकुंतला देवी ने प्रदेश सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार की मदद से ही मेरे बेटे को नई जिंदगी मिली है। वहीं उपायुक्त अपूर्व देवगन ने कहा कि मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष जैसी योजनाएं जरूरतमंद परिवारों के लिए संजीवनी हैं। जिला प्रशासन सुनिश्चित कर रहा है कि इस योजना का लाभ हर पात्र व्यक्ति तक पहुंचे।
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