Cabinet Meeting : निराश्रित बच्चों को चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट के रूप में अपनाएगी सरकार

Edited By Vijay, Updated: 16 Feb, 2023 06:59 PM

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हिमाचल प्रदेश सरकार ने निराश्रित बच्चों को चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट (अपने बच्चे) के रूप में अपनाने का निर्णय लिया गया है। सरकार उपेक्षित वरिष्ठ नागरिकों, विशेष रुप से समक्ष बच्चों, निराश्रित बच्चों व महिलाओं को घर भी उपलब्ध करवाएगी, जिसके लिए 3 बिस्वा...

शिमला (कुलदीप): हिमाचल प्रदेश सरकार ने निराश्रित बच्चों को चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट (अपने बच्चे) के रूप में अपनाने का निर्णय लिया गया है। सरकार उपेक्षित वरिष्ठ नागरिकों, विशेष रुप से समक्ष बच्चों, निराश्रित बच्चों व महिलाओं को घर भी उपलब्ध करवाएगी, जिसके लिए 3 बिस्वा जमीन उपलब्ध करवाई जाएगी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में हुई वर्तमान सरकार मंत्रिमंडल की दूसरी बैठक में यह निर्णय लिया गया। इस तरह सरकार ने जहां अपनी पहली मंत्रिमंडल बैठक में 20 साल बाद पुरानी पैंशन को बहाल करने का निर्णय लिया, वहीं दूसरी बैठक में निराश्रित लोगों के लिए मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना को स्वीकृति प्रदान की है। मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना के तहत मौजूदा संस्थानों में बेहतर सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी, ताकि वहां पर रहने वालों को बेहतर सुविधाएं प्राप्त हो सकें। उनके लिए अटैच शौचालय वाले कमरे, मनोरंजन व गतिविधि कक्ष, कॉमन रूम, म्यूजिक रूम, स्मार्ट क्लास रूम, कोचिंग रूम, इंडोर व आऊटडोर खेल सुविधाओं सहित अन्य आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी।

प्रतिवर्ष शैक्षिक भ्रमण, थ्री स्टार होटलों में ठहरने की सुविधा
इस योजना के तहत उपेक्षित वरिष्ठ नागरिकों, अनाथ बच्चों, विशेष रूप से सक्षम बच्चों और निराश्रित महिलाओं की बेहतर देखभाल के लिए नए एकीकृत घरों का निर्माण चरणबद्ध तरीके से एक परिसर में अलग-अलग खंडों में किया जाएगा। इनमें सभी आधुनिक सुविधाओं का समावेश होगा। इन संस्थानों के आवासियों को भारत के विभिन्न दर्शनीय अथवा ऐतिहासिक स्थलों का 15 दिन का प्रति वर्ष शैक्षिक भ्रमण करवाया जाएगा। यात्रा की व्यवस्था शताब्दी ट्रेन, एसी वॉल्वो अथवा हवाई यात्रा के माध्यम से की जाएगी। इसके अलावा उनको थ्री स्टार होटलों में ठहरने की व्यवस्था होगी। इसी तरह वृद्धाश्रमों एवं नारी सेवा सदनों के आवासियों को भी प्रति वर्ष 10 दिन की यात्रा व ठहरने की सुविधा प्रदान की जाएगी। 

4 हजार की छात्रवृत्ति मिलेगी
योजना के तहत बाल देखरेख संस्थानों को छोड़ने वाले सभी बच्चों के लिए 18 वर्ष की आयु पूर्ण होने के बाद भी 21 वर्ष की आयु तक और निराश्रित बच्चों के लिए 27 वर्ष की आयु तक वास्तविक दरों पर छात्रावास शुल्क के साथ शिक्षण शुल्क प्रदान करने की व्यवस्था की जाएगी। यानि अध्ययन अवधि के दौरान छात्रवृत्ति के रुप में उनको 4 हजार रुपए प्रति माह प्रति मिलते रहेंगे। 

स्टार्टअप आरंभ के लिए मिलेंगे एकमुश्त 2 लाख
योजना के अंतर्गत 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने के बाद अपना स्टार्टअप आरंभ करने के लिए 2 लाख रुपए प्रति व्यक्ति एकमुश्त वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। इससे उनको अपने पैरों पर खड़ा होने में मदद मिलेगी। 

ज्वालामुखी व सुंदरनगर में 80-80 करोड़ से बनेंगे आधुनिक एकीकृत घर
सरकार ने निराश्रितों के लिए आधुनिक एकीकृत घर बनाने का निर्णय लिया है। यह एकीकृत घर जिला कांगड़ा के ज्वालामुखी तथा जिला मंडी के सुंदरनगर में स्थापित होंगे, जिनके ऊपर क्रमश: 80-80 करोड़ रुपए खर्च होंगे। यहां पर उन्हें बेहतर कोचिंग, संदर्भ पुस्तकें अथवा कोचिंग सामग्री मिल सकेगी। समाज के प्रतिष्ठित व्यक्तियों के माध्यम से ऐसे बच्चों को मेंटरशिप भी प्रदान की जाएगी, साथ ही 10वीं से 12वीं तक के बच्चों को सूचीबद्ध एजैंसियों के माध्यम से करियर काउंसलिंग भी प्रदान की जाएगी। इसके अतिरिक्त उच्च शिक्षा के लिए भी इन बच्चों को सरकार सहायता प्रदान करेगी। इसके अलावा इन बच्चों के समग्र व्यक्तित्व विकास के लिए मासिक पिकनिक आयोजित करने का भी प्रावधान किया गया है। 

योजना के तहत 1 लाख प्रति वर्ष भी मिलेंगे
मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना के तहत 18 वर्ष से अधिक आयु के पात्र आवासियों को कोचिंग, छात्रावास शुल्क, शिक्षण शुल्क आदि के लिए प्रति व्यक्ति 1 लाख रुपए प्रति वर्ष प्रदान किए जाएंगे। यह राशि कोचिंग की अवधि के दौरान 4 हजार रुपए प्रति आवासी प्रति माह छात्रवृत्ति प्रदान करने के अतिरिक्त होगी।

विवाह के लिए 2 लाख भी मिलेंगे
मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना के तहत इन संस्थानों के आवासियों को विवाह के लिए 2 लाख रुपए अथवा वास्तविक खर्च, जो भी कम हो प्रदान किया जाएगा। इसके अतिरिक्त इन संस्थानों में रहने वाले प्रत्येक बच्चे, निराश्रित महिलाओं का जमा खाता भी खोला जाएगा, जिसमें सरकार द्वारा 0-14 वर्ष की आयु के बच्चों को 1 हजार रुपए प्रति बच्चा प्रति माह, 15-18 वर्ष आयु के बच्चों व एकल महिलाओं को 2500 रुपए प्रति माह की सहायता राशि देगी। 

भोजन व आश्रय के साथ वस्त्र सुविधा भी मिलेगी
मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना के तहत निराश्रित बच्चों को 18 वर्ष की आयु के बाद 27 वर्ष तक देखभाल संस्थानों में आवासीय सुविधाओं के साथ भोजन, आश्रय और वस्त्र भी उपलब्ध करवाए जाएंगे। इस योजना के तहत ऐसे निराश्रित बच्चों जिनके नाम पर कोई भूमि नहीं है, उन्हें 27 वर्ष की आयु के बाद घर के निर्माण के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में 3 बिस्वा भूमि और आवास निर्माण के लिए 3 लाख रुपए की सहायता राशि मिलेगी।

साल में 10 हजार का वस्त्र अनुदान मिलेगा
योजना के तहत इन संस्थानों में रहने वाले सभी आवासियों को वस्त्र अनुदान के रुप में 10 हजार रुपए प्रति वर्ष उनके बैंक खाते में जमा करवाए जाएंगे। इससे वह अपने पसंद के वस्त्र व जूते खरीद सकें। इसके अतिरिक्त संस्थान में रहने वाले व्यक्तियों की देखभाल के लिए अतिरिक्त गृह माता अथवा पालक की नियुक्ति करने का भी प्रावधान किया गया है, ताकि उन्हें रहन-सहन में किसी प्रकार की कठिनाई न हो।

प्रति त्यौहार 500 रुपए का अनुदान देंगे 
मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना के तहत आवासीय को वर्ष भर आने वाले त्यौहार के दौरान प्रति त्यौहार 500 रुपए का अनुदान भी दिया जाएगा। योजना के तहत ऐसे वर्ग की सहायता के लिए 101 करोड़ रुपए के प्रारंभिक योगदान के साथ-साथ मुख्यमंत्री सुख-आश्रय कोष का गठन किया गया है।

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