Edited By Kuldeep, Updated: 25 Oct, 2024 03:46 PM
पूर्व विधायक बंबर ठाकुर ने इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया है कि पिछले दो वर्षों में विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के बार-बार के आग्रहों के बावजूद भी हिमाचल प्रदेश में दवा निर्माता कंपनियों ने अभी तक भी अपने आप को सुधारने के कोई कदम नहीं उठाए हैं।
बिलासपुर (राम सिंह): पूर्व विधायक बंबर ठाकुर ने इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया है कि पिछले दो वर्षों में विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के बार-बार के आग्रहों के बावजूद भी हिमाचल प्रदेश में दवा निर्माता कंपनियों ने अभी तक भी अपने आप को सुधारने के कोई कदम नहीं उठाए हैं।
उसी का परिणाम है कि इस बार फिर सारे देश में कुल 67 दवाईयों के सैंपलों मे से हिमाचल प्रदेश में 23 दवाईयों के सैंपल घटिया व मानकों से नीचे पाये गए हैं। पत्रकारों से बातचीत करते हुए बंबर ठाकुर ने कहा कि सरकार जब तक इस मामले में एक सख्त कानून नहीं बनाती तब तक कुछ दावा निर्माता कंपनियां सारी हदें पार करते हुए घटिया दवाईयों का निर्माण करके करोड़ों लोगों के जीवन को खतरे में डालने से परहेज नहीं करेगी।
बंबर ठाकुर ने कहा कि वास्तव में घटिया व स्तरहीन दवाइयां निर्मित करना और उनका सेवन करने वाले रोगियों के प्राणों को खतरे में डालना अत्यंत गंभीर अपराध है और सरकार को इसकी गंभीरता पर संज्ञान लेकर दोषियों को दंडित करने के लिए कडा कानून बनाना अत्यंत आवश्यक है।
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