Edited By Vijay, Updated: 26 Dec, 2025 07:06 PM

हिमाचल प्रदेश में चिट्टे के खिलाफ चलाए जा रहे व्यापक जन-आंदोलन के तहत मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शुक्रवार काे बिलासपुर जिले के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला (छात्र) से लुहणु मैदान तक आयोजित एंटी चिट्टा वॉकथॉन का नेतृत्व किया।
बिलासपुर: हिमाचल प्रदेश में चिट्टे के खिलाफ चलाए जा रहे व्यापक जन-आंदोलन के तहत मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शुक्रवार काे बिलासपुर जिले के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला (छात्र) से लुहणु मैदान तक आयोजित एंटी चिट्टा वॉकथॉन का नेतृत्व किया। इस जागरूकता रैली में विद्यार्थियों, जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों और स्थानीय नागरिकों ने भारी संख्या में भाग लिया, जिससे पूरा शहर नशा विरोधी नारों से गूंज उठा। वॉकथॉन शुरू करने से पहले मुख्यमंत्री ने स्कूल परिसर में उपस्थित जनसमूह को चिट्टे और मादक पदार्थों के सेवन के खिलाफ शपथ भी दिलाई।
युवाओं से जन-आंदोलन में शामिल होने की अपील
लुहणु मैदान में विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री सुक्खू ने चिट्टे को बच्चों की मुस्कान छीनने वाला और युवाओं के सपनों को जलाने वाला 'जहर' करार दिया। उन्होंने समाज के हर वर्ग से इस लड़ाई में साथ आने का आह्वान करते हुए कहा कि नशा हमारे बच्चों के उज्ज्वल भविष्य में सबसे बड़ी बाधा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि जैसे इतिहास में युवाओं ने बड़े बदलाव किए हैं, वैसे ही इस बार भी हिमाचल का युवा प्रदेश को चिट्टा मुक्त बनाने में अहम भूमिका निभाएगा। इसी उद्देश्य के साथ 15 नवम्बर को शिमला के रिज मैदान से इस जन-आंदोलन की शुरूआत की गई थी।
'एंटी चिट्टा वालंटियर योजना' का होगा शुभारंभ
नशे के खिलाफ लड़ाई को और मजबूत करने के लिए मुख्यमंत्री ने प्रदेश में 'एंटी चिट्टा वालंटियर योजना' शुरू करने की घोषणा की। इस योजना के तहत कॉलेजों, विश्वविद्यालयों, एनसीसी, एनएसएस और युवा क्लबों के जागरूक युवाओं को वालंटियर के रूप में जोड़ा जाएगा, ताकि वे इस जंग में योद्धा बन सकें। साथ ही, नशा पीड़ितों की मदद के लिए सरकार पुनर्वास पर भी काम कर रही है। मुख्यमंत्री ने बताया कि सिरमौर जिले के कोटला बड़ोग में बन रहे पुनर्वास केंद्र के लिए सरकार ने 20 करोड़ रुपए जारी किए हैं।
केवल भाषणों तक सीमित नहीं कार्रवाई, धरातल पर उठाए जा रहे सख्त कदम
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार की कार्रवाई केवल भाषणों तक सीमित नहीं है, बल्कि धरातल पर सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने पुलिस कार्रवाई का ब्यौरा देते हुए बताया कि 17 से 19 नवम्बर के बीच राज्यव्यापी नाका अभियान में 27,982 वाहनों की जांच की गई और 33 गिरफ्तारियां हुईं। वहीं, 22 नवम्बर को 124 स्थानों पर छापेमारी कर 9 आरोपी गिरफ्तार किए गए। इसके अलावा 25 दिसम्बर को शिक्षण संस्थानों के पास विशेष अभियान चलाकर 598 दुकानों की जांच की गई। पीआईटी-एनडीपीएस एक्ट के तहत अब तक 66 अपराधियों पर कार्रवाई की जा चुकी है, जिसमें 19 कुख्यात तस्करों को हिरासत में लिया गया है।

अवैध संपत्तियों और दवा इकाइयों पर शिकंजा
नशा तस्करों की कमर तोड़ने के लिए आर्थिक चोट भी पहुंचाई जा रही है। मुख्यमंत्री ने बताया कि तस्करों द्वारा चिट्टे के धंधे से बनाई गई अवैध संपत्तियों और सरकारी भूमि पर अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई जारी है। ऐसे 72 मामलों में से 14 में कार्रवाई पूरी हो चुकी है। इसके अतिरिक्त, 10 दिसंबर को 33 दवा निर्माण इकाइयों का निरीक्षण किया गया, जिसमें 4 में अनियमितताएं पाई गईं। वहीं, 19 व 20 दिसंबर को मेडिकल दुकानों पर कार्रवाई करते हुए भारी मात्रा में नशीली दवाएं और 24 लाख रुपए नकद जब्त किए गए।
कार्यक्रम में ये रहे उपस्थित
इस अवसर पर नगर नियोजन मंत्री राजेश धर्माणी, पूर्व मंत्री राम लाल ठाकुर, पूर्व विधायक तिलक राज व बंबर ठाकुर, नशा निवारण बोर्ड के सह संयोजक संजय भारद्वाज, पुलिस महानिदेशक अशोक तिवारी, उपायुक्त राहुल कुमार और पुलिस अधीक्षक संदीप धवल सहित कई गण्यमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।