Edited By Vijay, Updated: 17 Jun, 2025 03:09 PM

जिला एवं सत्र न्यायालय मंडी ने वर्ष 2014 में हुए एक हिंसक हमले और हत्या के प्रयास के गंभीर मामले में आरोपी शेर सिंह निवासी गांव शीहल, डाकघर तल्याहड़ को दोषी करार देते हुए भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत कठोर सजा सुनाई है।
मंडी (रजनीश): जिला एवं सत्र न्यायालय मंडी ने वर्ष 2014 में हुए एक हिंसक हमले और हत्या के प्रयास के गंभीर मामले में आरोपी शेर सिंह निवासी गांव शीहल, डाकघर तल्याहड़ को दोषी करार देते हुए भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत कठोर सजा सुनाई है। यही नहीं, उसे भारी जुर्माना भी लगाया गया है। यह मामला एक ही परिवार के तीन सदस्यों पर जानलेवा हमला करने से संबंधित है।
इस मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से जिला न्यायवादी विनोद भारद्वाज ने प्रभावशाली ढंग से पैरवी करते हुए अदालत को बताया कि 21 मई, 2014 की रात करीब 9 बजे यह घटना उस समय हुई जब पीड़ित परिवार चंपा देवी, उनके पति भीम सिंह, ससुर गोवर्धन सिंह और सास किरण देवी रात का खाना खाने के बाद अपने घर के बरामदे में विश्राम कर रहे थे।
इसी दौरान आरोपी की पत्नी भावना देवी ने अचानक गाली-गलौज शुरू कर दिया। माहौल गरमाने पर आरोपी शेर सिंह तेजधार हथियार (दराट) लेकर बरामदे में घुस आया और तीन परिजनों पर बेरहमी से हमला कर दिया। हमले में भीम सिंह के सिर, कंधे और हाथों पर गहरी चोटें आईं। जब गोवर्धन सिंह बीच-बचाव करने आए तो उन्हें सिर पर गंभीर चोट लगी। वहीं चंपा देवी के चेहरे के बाएं हिस्से पर हमला किया गया।
गंभीर रूप से घायल सभी पीड़ितों को तत्काल जोनल अस्पताल मंडी में भर्ती करवाया गया। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 154 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई। पुलिस ने घटनास्थल से खून से सने कपड़े और खून के सैंपल एकत्रित कर फॉरेंसिक जांच के लिए भेजे।
चिकित्सा रिपोर्ट और फॉरेंसिक साक्ष्यों के आधार पर अदालत ने आरोपी को दोषी करार देते हुए आईपीसी की धारा 307 (हत्या का प्रयास) के तहत 3 वर्ष सश्रम कारावास और 10,000 रुपए जुर्माना, धारा 326 (खतरनाक हथियार से गंभीर चोट) के तहत 2 वर्ष कारावास और 2000 रुपए जुर्माना, धारा 324 (खतरनाक हथियार से साधारण चोट) के तहत 1 वर्ष कारावास और 500 रुपए जुर्माना, धारा 452 (घर में घुसकर हमला) के तहत 6 माह कारावास और 500 रुपए जुर्माना, धारा 504 (जानबूझकर अपमान) के तहत 3 माह कारावास और 500 रुपए जुर्माना, धारा 201 (साक्ष्य मिटाने का प्रयास) के तहत 3 माह कारावास और 500 रुपए जुर्माना और धारा 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना) के तहत 3 माह कारावास और 500 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।
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