Edited By Jyoti M, Updated: 14 Apr, 2025 11:58 AM

आईजीएमसी अस्पताल के आसपास तीमारदारों से ठगी करने वाला युवक अब पुलिस की गिरफ्त में है। पुलिस जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि युवक चिट्टे का नशा करता है और इसी लत को पूरा करने के लिए वह ठगी की वारदातों को अंजाम देता था।
हिमाचल डेस्क। आईजीएमसी अस्पताल के आसपास तीमारदारों से ठगी करने वाला युवक अब पुलिस की गिरफ्त में है। पुलिस जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि युवक चिट्टे का नशा करता है और इसी लत को पूरा करने के लिए वह ठगी की वारदातों को अंजाम देता था।
कैसे करता था ठगी?
आरोपी पहले एक वाहन चालक के रूप में काम करता था, लेकिन नशे की लत के कारण वह अपनी नौकरी भी नहीं संभाल सका। नशे की पूर्ति के लिए आरोपी ने एक नई चाल अपनाई। वह आईजीएमसी अस्पताल के आसपास ग्रामीण इलाकों से आए तीमारदारों को निशाना बनाता था। इन लोगों के पास आमतौर पर नकदी होती थी। आरोपी खुद को सीआईडी अफसर बताकर उन्हें डराता और चरस व अफीम बेचने के आरोप में तलाशी लेता था। तलाशी के बहाने वह लोगों से नकदी लेकर फरार हो जाता था।
पहले भी कर चुका है ऐसी घटनाएं
पुलिस के अनुसार आरोपी पहले भी कई बार इसी तरह की घटनाओं को अंजाम दे चुका है। शिमला पुलिस के पास पहले से दर्ज कुछ मामलों में भी अब उसकी भूमिका की जांच की जा रही है। शिमला में आरोपी के खिलाफ दो एनडीपीएस (NDPS) एक्ट के मामले दर्ज हैं, वहीं सोलन जिले के सदर थाने में भी उसके खिलाफ एक मामला लंबित है।
लॉकअप में बिगड़ी तबीयत
गिरफ्तारी के बाद जब आरोपी को लॉकअप में रखा गया, तो वहां उसकी तबीयत बिगड़ गई। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि नशा नहीं मिलने की वजह से उसकी तबीयत बिगड़ गई। जिसके कारण उसे इलाज के लिए फिर से आईजीएमसी ले जाना पड़ा।
पुलिस की अपील
एसएसपी संजीव कुमार गांधी ने कहा है कि शहर में बढ़ती चोरी और लूटपाट की घटनाओं के पीछे नशे की लत एक बड़ी वजह बन रही है। कई युवा नशे की लत में पड़कर अपराध की राह पकड़ रहे हैं। उन्होंने परिजनों से अपील की है कि अगर उन्हें लगता है कि उनका बच्चा नशे की गिरफ्त में है, तो बिना देर किए उसका उपचार करवाएं। नशे से मुक्ति के लिए समाज को एकजुट होकर काम करने की आवश्यकता है।