Edited By Vijay, Updated: 19 Dec, 2025 05:08 PM

हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले के घुमारवीं उपमंडल के मोरसिंघी (बछड़ी) गांव की रहने वाली दो सगी बहनों आरुषि चौहान और संजना चौहान ने अपनी उत्कृष्ट खेल प्रतिभा के दम पर हैंडबॉल स्पोर्ट्स कोटे से देश की प्रतिष्ठित सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) में नौकरी...
बिलासपुर (केशव): हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले के घुमारवीं उपमंडल के मोरसिंघी (बछड़ी) गांव की रहने वाली दो सगी बहनों आरुषि चौहान और संजना चौहान ने अपनी उत्कृष्ट खेल प्रतिभा के दम पर हैंडबॉल स्पोर्ट्स कोटे से देश की प्रतिष्ठित सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) में नौकरी हासिल कर ली है।
आरुषि और संजना ने मोरसिंघी हैंडबॉल नर्सरी में कड़े अनुशासन और निरंतर अभ्यास के जरिए अपने खेल को निखारा। अपनी मेहनत के बल पर इन दोनों ने न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में भी शानदार प्रदर्शन किया। हैंडबॉल के मैदान में उनके इसी कौशल ने चयनकर्ताओं का ध्यान खींचा, जिसका परिणाम आज उनके बीएसएफ में चयन के रूप में सामने आया है।
बेटियों की इस उपलब्धि से पूरे मोरसिंघी (बछड़ी) गांव में खुशी की लहर है। ग्रामीणों और खेल प्रेमियों का कहना है कि एक ही घर की दो बेटियों का देश की सुरक्षा बल में चयन होना पूरे क्षेत्र के लिए गौरव की बात है। यह सफलता ग्रामीण क्षेत्र की अन्य प्रतिभाओं के लिए एक मिसाल बनकर उभरी है।
आरुषि और संजना की सफलता के पीछे मोरसिंघी हैंडबॉल नर्सरी का अहम योगदान रहा है। नर्सरी की कोच स्नेहलता और सचिन चौधरी ने दोनों बहनों को बधाई देते हुए कहा कि आरुषि और संजना की यह उपलब्धि आने वाली पीढ़ी के खिलाड़ियों के लिए प्रेरणास्रोत बनेगी। उन्होंने कहा कि यह चयन साबित करता है कि अगर सही मार्गदर्शन और लगन हो तो कोई भी लक्ष्य बड़ा नहीं होता।