Edited By Jyoti M, Updated: 15 Dec, 2024 10:39 AM
आई. जी. एम. सी. शिमला के 132 सफाई कर्मचारी, वार्ड अटेंडेंट व ई.सी.जी. व डाटा एंट्री आप्रेटर आंदोलन की तैयारियों में हैं। दो माह अक्तूबर व नवम्बर का इन्हें वेतन नहीं मिला है, जबकि दिसम्बर का भी आधा माह बीत चुका है।
शिमला, (संतोष): आई. जी. एम. सी. शिमला के 132 सफाई कर्मचारी, वार्ड अटेंडेंट व ई.सी.जी. व डाटा एंट्री आप्रेटर आंदोलन की तैयारियों में हैं। दो माह अक्तूबर व नवम्बर का इन्हें वेतन नहीं मिला है, जबकि दिसम्बर का भी आधा माह बीत चुका है। ऐसे में अब ये कर्मचारी सोमवार से हड़ताल पर जा सकते हैं और इसका निर्णय कामकाजी महिलाओं की होने वाली बैठक में लिया जाएगा।
आई.जी.एम.सी. में 80 बार्ड अटेंडेंट, 40 सफाई कर्मचारी और 12 ई.सी.जी. व डाटा आप्रैटर हैं, जो वेतन को तरस गए हैं। इन्हें दो कंपनियों के माध्यम से वेतन दिया जाता है। यह आऊटसोर्स कर्मचारी जब भी कंपनी से अपना वेतन मांगते हैं तो दोनों ही कंपनियों का जवाब होता है कि अभी मैनेजमैंट द्वारा सैलरी जारी नहीं की गई है।
स्थिति यह हो गई है कि इन कर्मियों को घर का खर्च चलाना मुश्किल हो गया है। इन कर्मचारियों का कहना है कि दीवाली पर भी उन्हें सैलरी नहीं मिली थी, जिसके चलते उन्हें बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। उनका कहना है कि वह पूरी ईमानदारी से अपनी ड्यूटी कर रहे है, इसलिए अस्पताल मैनेजमैंट को भी उन्हें समय पर सैलरी देनी चाहिए, लेकिन अस्पताल प्रबंधन के रवैये के कारण नौकरी तक छोड़ने की नौबत आ गई है, लेकिन अब इन्होंने आंदोलन का रास्ता अपनाने की ठान ली है।
वार्ता के लिए बुलाया, लेकिन एम.एस. बिना बात किए चले गए
आई.जी.एम.सी. सफाई कर्मचारी यूनियन की उपाध्यक्ष निशा ने बताया कि उन्हें बीते करीब अढ़ाई माह से सैलरी नहीं मिली है। इसे लेकर शुक्रवार को उन्हें वार्ता के लिए बुलाया गया था, लेकिन एम.एस. बिना बात किए चले गए। आई.जी.एम.सी. प्रबंधन यदि जल्द कोई फैसला नहीं करता है तो आंदोलन किया जाएगा, जिसकी रूपरेखा रविवार को कामकाजी महिलाओं की होने वाली बैठक में ली जाएगी।
उन्होंने कहा कि सभी कर्मियों ने कोविड के समय भी अपनी नियमित रूप से सेवाएं दी हैं और पूरी तन्मयता के साथ आज भी काम कर रहे हैं, लेकिन वेतन न मिल पाने के कारण उन्हें घर चलाना मुश्किल हो गया है।