Edited By Kuldeep, Updated: 11 Nov, 2024 10:36 PM
जिला मंडी के उपमंडल करसोग में एसडीएम को बार-बार बदलने का रवैया जनता को पसंद नहीं आ रहा है।
करसोग (यशपाल): जिला मंडी के उपमंडल करसोग में एसडीएम को बार-बार बदलने का रवैया जनता को पसंद नहीं आ रहा है। बार-बार होने वाले इन तबादलों के पीछे की वजह चाहे जो भी हो लेकिन स्थानीय जनता खुश नहीं है। करसोग के विधायक भी इस मुद्दे को विधानसभा में उठा चुके हैं। लेकिन प्रदेश सरकार करसोग में एसडीएम की नियुक्ति नहीं कर पा रही है। पिछले तकरीबन डेढ़ माह से करसोग में एसडीएम का पद रिक्त पड़ा हुआ है।
दुर्गम क्षेत्रों में शुमार करसोग उपमंडल में एसडीएम का न होना साफ बयां करता है कि सरकार करसोग के प्रति कितनी संवेदनशील है। हालांकि करसोग में एसडीएम का अतिरिक्त कार्यभार तहसीलदार ने संभाल रखा है जिसके चलते न केवल तहसील में होने वाले कार्यों पर विपरीत असर पड़ रहा है। बल्कि एसडीएम कार्यालय में भी अधिकतर कार्य प्रभावित हो रहे हैं। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद 23 माह के भीतर ही करसोग में 10 एसडीएम कार्यभार संभाल चुके हैं।
एसडीएम के रिक्त पद के चलते सरकार डैपुटेशन के जुगाड़ से उपमंडल का कामकाज चला रही है। कांग्रेस सरकार में करसोग को स्थायी एसडीएम न मिल पाने के चलते कांग्रेस के स्थानीय नेताओं की भी खूब किरकिरी हो रही है। जनता कांग्रेस के नेताओं से पूछ रही है कि आखिरकार करसोग को एसडीएम कब मिलेगा। 62 पंचायतों का प्रतिनिधित्व करने वाले उपमंडल करसोग में एसडीएम का रिक्त पद जनता की परेशानी का सबब बना हुआ है।
व्यवस्था परिवर्तन का खमियाजा भुगत रहा करसोग : दीपराज
करसोग के विधायक दीपराज कपूर का कहना है कि व्यवस्था परिवर्तन का खमियाजा करसोग भुगत रहा है। व्यवस्था परिवर्तन का दम भरने वाली सुक्खू सरकार करसोग के लिए स्थायी एसडीएम तक नहीं ढूंढ पा रही है। असुविधाओं से जूझ रही जनता की सुध लेने में सरकार लगातार हर मोर्चे पर विफल हो रही है।
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