Shimla: 5000 खैर के पेड़ों का अवैध कटान पर हाईकोर्ट का संज्ञान

Edited By Kuldeep, Updated: 21 Apr, 2025 08:54 PM

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सिरमौर में 5000 खैर के पेड़ों के अवैध कटान पर हाईकोर्ट का संज्ञान ले लिया है। मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावालिया व न्यायाधीश रंजन शर्मा की खंडपीठ ने उक्त मामले में राज्य सरकार को वास्तुस्थिति से अवगत करवाने के आदेश जारी किए हैं।

शिमला (मनोहर): सिरमौर में 5000 खैर के पेड़ों के अवैध कटान पर हाईकोर्ट का संज्ञान ले लिया है। मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावालिया व न्यायाधीश रंजन शर्मा की खंडपीठ ने उक्त मामले में राज्य सरकार को वास्तुस्थिति से अवगत करवाने के आदेश जारी किए हैं। मामले पर सुनवाई 27 को निर्धारित की गई है। गौरतलब है कि सिरमौर जिले के त्रिलोकपुर जंगल में बड़े पैमाने पर अवैध खैर कटान का मामला सामने आया है। मुख्य न्यायाधीश के नाम लिखे पत्र के अनुसार, पिछले 8 महीनों में करीब 5000 खैर के पेड़ काटे जा चुके हैं और इस दौरान जंगल की भूमि को तीन फीट तक खोदकर जड़ें तक उखाड़ ली गई हैं। इस अवैध कटान में हिमाचल और हरियाणा के ठेकेदारों की मिलीभगत बताई जा रही है।

यह खैर कटान त्रिलोकपुर के प्रसिद्ध बालासुंदरी मंदिर और वन विभाग के रेंज ऑफिसर कार्यालय के पास ही हो रहा था, लेकिन विभाग को इसकी भनक तक नहीं लगी। स्थानीय लोगों के अनुसार, यह माफिया रातों-रात लकड़ी को फैक्टरियों या अन्य स्थानों पर बेच रहा था, जिससे करोड़ों रुपए का अवैध व्यापार हुआ। खैर माफिया ने पहले निजी भूमि से पेड़ काटने की अनुमति ली थी, लेकिन इस अनुमति की आड़ में जंगल के हजारों पेड़ काट दिए।

सरकारी नियमों के अनुसार, जंगल झाड़ी श्रेणी की भूमि, चाहे वह निजी हो या सरकारी, वहां से खैर का कटान प्रतिबंधित है। खैर की लकड़ी की बाजार में भारी मांग है और एक बड़े पेड़ की कीमत एक लाख रुपए तक हो सकती है। ऐसे में 5000 पेड़ों के अवैध कटान से करोड़ों का अवैध कारोबार होने की आशंका जताई जा रही है। पत्र में स्थानीय लोगों ने इस मामले में सख्त जांच और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

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