Edited By Vijay, Updated: 18 Dec, 2024 01:14 PM
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन विधायक रणधीर शर्मा ने नियम 67 के तहत काम रोको प्रस्ताव प्रस्तुत किया, जिस पर मुख्यमंत्री ने चर्चा स्वीकार की...
धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन विधायक रणधीर शर्मा ने नियम 67 के तहत काम रोको प्रस्ताव प्रस्तुत किया, जिस पर मुख्यमंत्री ने चर्चा स्वीकार की और विधानसभा अध्यक्ष ने इसे अनुमति दी। इस प्रस्ताव के तहत सरकार के दो साल के कार्यकाल और भ्रष्टाचार पर चर्चा शुरू हुई।
विधायक रणधीर शर्मा ने आरोप लगाया कि सरकार ने अपने 2 साल के कार्यकाल के दौरान अपनी उपलब्धियां बताने की बजाय विपक्ष पर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने भ्रष्टाचार किया और अपने लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए ऐक्साई पॉलिसी में संशोधन किया। इस चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने नेता प्रतिपक्ष की अनुपस्थिति पर आपत्ति जताई, लेकिन विधायक बिक्रम ठाकुर ने कहा कि यह चर्चा सरकार के लिए है, न कि विपक्ष के लिए।
चर्चा में आगे विधायक रणधीर शर्मा ने आरोप लगाया कि कई भ्रष्टाचार के मामलों में सरकार की भूमिका संदिग्ध है और यहां तक कि मुख्यमंत्री के समोसे की जांच भी हो रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री के करीबी लोगों ने कम दामों पर जमीन खरीदी और उसे एचआरटीसी को ऊंचे दामों पर बेच दिया। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि कांगड़ा जिले में एक विधायक के साले को पैट्रोल पंप के लिए भूमि लीज पर दी जा रही है, जबकि इसके लिए जरूरी औपचारिकताएं पूरी नहीं की गईं। रणधीर शर्मा ने निगम के 18 होटलों को जानबूझकर घाटे में दिखाने का आरोप भी लगाया और कहा कि मुख्यमंत्री ने इन होटलों को निजी हाथों में देने के लिए मंजूरी दी थी।
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