Edited By Vijay, Updated: 10 Jun, 2025 05:32 PM

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने घोषणा की है कि वह कैलाश मानसरोवर यात्रा को शिपकी ला दर्रे से शुरू करने का मामला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के समक्ष उठाएंगे।
शिपकी ला (किन्नौर) (कुलदीप): हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने घोषणा की है कि वह कैलाश मानसरोवर यात्रा को शिपकी ला दर्रे से शुरू करने का मामला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के समक्ष उठाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मार्ग से यात्रा का 91 किलोमीटर का सफर आसानी से पूरा किया जा सकेगा। इसके साथ ही, चीन अधिकृत तिब्बत में कोरोना महामारी के बाद रुकी हुई व्यापारिक गतिविधियों को शिपकी ला के माध्यम से फिर से शुरू करना भी प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री सुक्खू ने किन्नौर जिले के सीमावर्ती क्षेत्र शिपकी ला में सीमा पर्यटन गतिविधियों का शुभारम्भ करते हुए यह बात कही। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इन गतिविधियों के शुरू होने से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय लोगों की आर्थिकी सशक्त होगी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने रक्षा मंत्रालय से सीमावर्ती क्षेत्रों जैसे लेप्चा, शिपकी-ला, गिऊ और रानी कंडा में पर्यटन गतिविधियों की अनुमति देने का आग्रह किया था, जिसे अब स्वीकृति मिल गई है। इसी के उपरांत सीमा पर्यटन पहल का शुभारम्भ किया गया है।
भारत-चीन व्यापार बहाली और हिमाचल स्काऊट बटालियन की मांग
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2020 से शिपकी ला दर्रे के माध्यम से भारत-चीन व्यापार बंद है, जबकि इस दर्रे के माध्यम से व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान की असीम संभावनाएं हैं। उन्होंने यह भी बताया कि प्रदेश सरकार ने केंद्र से हिमाचल स्काऊट बटालियन की स्थापना का भी आग्रह किया जाएगा। इस बटालियन की स्थापना से राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों के स्थानीय लोगों के लिए विशेष कोटा होगा, जिससे उन्हें रोजगार के अवसर मिलेंगे।
पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हवाई अड्डे स्थापित करने और इनर लाइन चैक पोस्ट हटाने का आग्रह
मुख्यमंत्री ने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक हवाई अड्डा स्थापित करने का मामला भी केंद्र के समक्ष उठाया जाएगा। इसके अतिरिक्त राज्य सरकार केंद्र सरकार से सैन्य और अर्धसैनिक बलों की इनर लाइन चेक पोस्ट को समाप्त करने का आग्रह करेगी, क्योंकि वर्तमान में इन चेक पोस्ट के कारण पर्यटकों को परमिट संबंधी बाधाओं का सामना करना पड़ता है, जिससे पर्यटन गतिविधियों में रुकावट आती है।
वांगतू-अटरगू-मुद-भावा दर्रा मार्ग काे मिली मंजूरी, 100 किलोमीटर कम हाेगी शिमला से काजा की दूरी
मुख्यमंत्री ने कहा कि यात्रा को सरल बनाने और पर्यटको के अनुभव को बेहतर बनाने पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जिसके तहत भारतीय सेना और अर्धसैनिक बलों के साथ सहयोग और सहभागिता पर बल दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इन कदमों से पर्यटन को प्रोत्साहन मिलेगा और स्थानीय अर्थव्यवस्था भी सुदृढ होगी। उन्होंने कहा कि लाहौल-स्पीति जिला से किन्नौर को जोड़ने वाली वांगतू-अटरगू-मुद-भावा दर्रा मार्ग को राष्ट्रीय वन्य जीव बोर्ड से मंजूरी मिली है, जिससे इसके निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ है। इस सड़क के बनने से शिमला और काजा के बीच दूरी लगभग 100 किलोमीटर कम हो जाएगी। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती सड़कों का केवल सामरिक महत्व नहीं है, बल्कि इनका उद्देश्य दूरदराज के पहाड़ी क्षेत्रों में सम्पर्क सुविधा बढ़ाकर लोगों को लाभ प्रदान करना है।
आईटीबीपी का लेंगे सहयोग
मुख्यमंत्री ने कहा कि सीमांत अग्रिम क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने की कार्य योजना के बारे में उन्होंने आईटीबीपी से चर्चा की है। आईटीबीपी के स्वास्थ्य संस्थानों के माध्यम से लोगों को चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के बारे में भी बातचीत की गई है। आईटीबीपी के विभिन्न हैलीपैड को दूर-दराज क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए उपयोग में लाए जाने पर भी चर्चा की गई है।

सबसे पहले इंदिरा गांधी ने किया था शिपकी ला का दाैरा
मुख्यमंत्री ने कहा कि इंदिरा गांधी ने सबसे पहले शिपकी ला का डॉ. परमार के साथ दौरा किया था। उनका उद्देश्य सेना का मनोबल को बढ़ाना था। राजस्व मंत्री जगत नेगी, हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक के अध्यक्ष देवेन्द्र श्याम, किनफेड के अध्यक्ष चन्द्र गोपाल नेगी कमांडिग आफिसर 19, बिहार रैजीमैंट कर्नल नितिन शंकर, कमांडिंग आफिसर ।।, महार कर्नल जीके गुंडे, कमांडैंट 43, आईटीबीपी सुरेन्द्र पंवार उपायुक्त अमित कुमार, पुलिस अधीक्षक अभिषेक एस, सेना, आईटीबीपी, व जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी और अन्य गण्यमान्य इस अवसर पर उपस्थित थे।
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