Himachal Rain Alert: 18 मई से पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने की संभावना, मौसम विभाग का अलर्ट

Edited By Jyoti M, Updated: 17 May, 2025 10:16 AM

western disturbance likely to become active from may 18

हिमाचल प्रदेश में इन दिनों गर्मी का प्रकोप जारी है, जिससे आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित है। मैदानी इलाकों में तापमान लगातार बढ़ रहा है और लोगों को दिन के समय तेज गर्मी और उमस का सामना करना पड़ रहा है। ऊना जिला इस गर्मी से सबसे ज्यादा प्रभावित है, जहां...

हिमाचल डेस्क। हिमाचल प्रदेश में इन दिनों गर्मी का प्रकोप जारी है, जिससे आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित है। मैदानी इलाकों में तापमान लगातार बढ़ रहा है और लोगों को दिन के समय तेज गर्मी और उमस का सामना करना पड़ रहा है। ऊना जिला इस गर्मी से सबसे ज्यादा प्रभावित है, जहां मई के महीने में इस सीजन का सबसे गर्म दिन दर्ज किया गया। शुक्रवार को ऊना में अधिकतम तापमान 41.8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जिसने लोगों को बेहाल कर दिया। हालांकि, यह पिछले साल मई में दर्ज किए गए 46 डिग्री सेल्सियस के अधिकतम तापमान से थोड़ा कम है, लेकिन फिर भी इस गर्मी ने लोगों को काफी परेशान किया है।

मौसम विभाग ने इस गर्मी से राहत की उम्मीद जताई है। विभाग के अनुसार, 18 मई से एक पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने की संभावना है, जिसका असर 19 और 20 मई को प्रदेश में अधिक देखने को मिलेगा। इस दौरान प्रदेश के कई हिस्सों में 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने और बारिश होने की संभावना है। मौसम विभाग ने इसके लिए येलो अलर्ट भी जारी किया है, ताकि लोग सतर्क रहें और आवश्यक सावधानी बरतें।

मौसम विभाग का यह भी कहना है कि प्रदेश के ऊंचे क्षेत्रों में इस दौरान हिमपात भी हो सकता है। यदि ऐसा होता है, तो यह मैदानी इलाकों में तापमान को नीचे लाने में काफी मददगार साबित होगा और लोगों को गर्मी से राहत मिलेगी। शुक्रवार को प्रदेश के अधिकतम तापमान में एक से तीन डिग्री सेल्सियस तक की वृद्धि दर्ज की गई। सबसे अधिक वृद्धि भरमौर में दर्ज की गई, जहां तापमान में 2.9 डिग्री की बढ़ोतरी हुई और यह 27.2 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। इसके अलावा, धर्मशाला और धौलाकुआं में भी 1.9 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि दर्ज की गई।

इस बदलते मौसम को देखते हुए मौसम विभाग ने किसानों के लिए विशेष सलाह जारी की है। विभाग ने किसानों से अपनी फसलों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया है। खासकर सेब, टमाटर और सब्जियों की फसलें तेज हवाओं और ओलावृष्टि से बुरी तरह प्रभावित हो सकती हैं। किसानों को सलाह दी गई है कि वे अपने खेतों में मजबूत संरचनाएं बनाएं ताकि फसलों को नुकसान से बचाया जा सके। इसके साथ ही, फलों की थैलियों की भी जांच करने की सलाह दी गई है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे तेज हवाओं को सह सकें और फलों को गिरने से बचा सकें।

मौसम विभाग के इस पूर्वानुमान से प्रदेश के लोगों को गर्मी से राहत मिलने की उम्मीद है। हालांकि, येलो अलर्ट को देखते हुए लोगों को सतर्क रहने और बदलते मौसम के अनुसार अपनी दिनचर्या में आवश्यक बदलाव करने की सलाह दी जाती है। 

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