Edited By Vijay, Updated: 14 Aug, 2025 09:44 PM

हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश ने हाहाकार मचा दिया है। वीरवार सुबह जिला शिमला के कोटखाई उपमंडल के खल्टूनाला क्षेत्र में पहाड़ियों पर बादल फटने की घटना से भारी मात्रा में मलबा नीचे आ गया।
शिमला (संतोष): हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश ने हाहाकार मचा दिया है। वीरवार सुबह जिला शिमला के कोटखाई उपमंडल के खल्टूनाला क्षेत्र में पहाड़ियों पर बादल फटने की घटना से भारी मात्रा में मलबा नीचे आ गया। मलबे की चपेट में एक पैट्रोल पंप और कई वाहन दब गए। इससे पहले, बुधवार शाम किन्नौर जिले के पूह क्षेत्र में भी बादल फटने की घटना हुई, जिसके कारण सतलुज नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया। प्रशासन ने नदी किनारे रहने वाले लोगों को अलर्ट जारी किया और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है। सबसे ज्यादा असर शिमला और कुल्लू जिलों में देखने को मिला है। यहां कई जगहों पर भूस्खलन और सड़कें बाधित होने से यातायात पूरी तरह ठप हो गया है। कई गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से कट गया है। साेलन और सिरमाैर जिलाें में भी भारी बारिश के चलते काफी नुक्सान हुआ है। वहीं, ऊना जिले में बरसाती पानी रिहायशी इलाकों में घुस गया, जिससे लोगों के घरों में पानी भर गया और घरेलू सामान को भारी नुकसान पहुंचा। स्थानीय प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में रैस्क्यू टीम और पंप सेट तैनात किए हैं, ताकि पानी निकासी का काम तेजी से हो सके।
पहाड़ी से पत्थर गिरने से युवती सहित 2 की मौत
वीरवार को एक युवती सहित 2 लोगों की पहाड़ियों से पत्थर गिरने के कारण मौत हो गई है। चम्बा में श्रीखंड यात्रा पर गए जम्मू-कश्मीर के डोडा निवासी श्रद्धालु दविंद्र सिंह की पहाड़ी से पत्थर गिरने के कारण मृत्यु हुई है, जबकि जिला शिमला के रामपुर में खोल्टी नाला के पास पहाड़ी से पत्थर गिरने से 20 वर्षीय तकलेच निवासी मीरा की मौत हुई है। इसके अलावा सोलन, कांगड़ा, कुल्लू और लाहौल-स्पीति में भी एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है। 20 जून से आरंभ हुए मानसून सीजन में अब तक 247 लोगों की मौत, 36 लापता और 329 घायल हुए हैं। 2308 घर क्षतिग्रस्त हुए, जिनमें 545 पूरी तरह ढह गए। 359 दुकानें और 2113 पशुशालाएं नष्ट हुईं। अब तक प्रदेश को 2104 करोड़ रुपए से अधिक का नुक्सान हुआ है। राज्य में भूस्खलन की 60, फ्लैश फ्लड की 71 और बादल फटने की 34 घटनाएं प्रकाश में आ चुकी हैं। सरकार ने लोगों से अपील की है कि वह नदी-नालों के किनारे न जाएं और मौसम विभाग की चेतावनी को गंभीरता से लें।
2 एनएच और 470 सड़कें बंद, 721 ट्रांसफार्मर भी ठप्प
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार 2 राष्ट्रीय उच्च मार्ग और 470 सड़कें बंद हो गई हैं। कुल्लू और लाहौल स्पीति में एक-एक नैशनल हाईवे बंद रहे। मंडी में 162, शिमला में 99, कुल्लू में 73, सिरमौर में 66 और कांगड़ा में 26 सड़कें बाधित चल रही हैं। प्रदेश में 721 ट्रांसफार्मर ठप्प हुए हैं, जिनमें सिरमौर के 187, ऊना के 162, लाहौल-स्पीति के 150, सोलन के 114 और कुल्लू के 30 शामिल हैं। 192 पेयजल योजनाएं प्रभावित चल रही हैं।
बादल फटने की घटनाओं पर केंद्र से की बात, वैज्ञानिकों की टीम करेगी अध्ययन : सुक्खू
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि किन्नौर और लाहौल-स्पीति में भी बादल फटने की घटनाएं सामने आ रही हैं। इन दोनों जिलों में बारिश नहीं होती है और बादल फटने की घटनाएं भी देखने को नहीं मिलती थीं। यह जलवायु परिवर्तन का असर है। कुल्लू, शिमला और किन्नौर में बीते 24 घंटे में बादल फटने की घटनाएं हुई हैं और इस बढ़ते खतरे को लेकर केंद्र से बातचीत की गई है और वैज्ञानिकों की टीम प्रदेश का अध्ययन करेगी। वैज्ञानिकों की टीम जो भी सुझाव देगी, सरकार उस पर आगे काम करेगी। उन्होंने केंद्र से हिमाचल के लिए विशेष राहत पैकेज की भी मांग उठाई। उन्होंने कहा कि 2023 में आपदा से 10 हजार करोड़ रुपए से अधिक का नुक्सान हुआ था।