Weather Update: 2 माह का मिट सकता है सूखा, शुक्रवार से उच्च पर्वतीय के साथ मध्य इलाकों पर मेहरबान होंगे इंद्रदेव

Edited By Vijay, Updated: 28 Nov, 2024 09:45 PM

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राज्य में 2 माह का चल रहा सूखा अब मिटने की आस जगी है। मौसम विभाग के अनुसार शुक्रवार से प्रदेश के न केवल उच्च पर्वतीय इलाकों, अपितु मध्य भागों में भी वर्षा व बर्फबारी हो सकती है।

शिमला (संतोष): राज्य में 2 माह का चल रहा सूखा अब मिटने की आस जगी है। मौसम विभाग के अनुसार शुक्रवार से प्रदेश के न केवल उच्च पर्वतीय इलाकों, अपितु मध्य भागों में भी वर्षा व बर्फबारी हो सकती है। यह क्रम 3 दिसम्बर तक बना रह सकता है। पश्चिमी विक्षोभ अब मध्य क्षोभ मंडलीय पश्चिमी हवाओं में एक गर्त के रूप में देखा जा रहा है, जिसके कारण हिमाचल के न केवल हिमालयी क्षेत्रों, अपितु मध्य भागों में इसका असर देखने को मिल सकता है।

मौसम विभाग के मुताबिक 29 से 3 दिसम्बर तक लाहौल-स्पीति, किन्नौर, कांगड़ा, चंबा, कुल्लू जिलों के अलावा मध्य भागों में अलग-अलग स्थानों पर हल्की बारिश व बर्फबारी का अनुमान आंका गया है। ऐसे में राज्य में शुष्क ठंड व शीतलहर की मार झेल रहे लोगों को राहत मिलने की उम्मीद जगी है, लेकिन मैदानी इलाकों को वर्षा के लिए इंतजार करना होगा। यही कारण है कि मैदानी इलाकों में शीतलहर का प्रकोप इतना बढ़ गया है कि शिमला से भी सर्द रातें मैदानी इलाकों की हो गई हैं और वहां के लोग शीतलहर की अधिक मार झेल रहे हैं। राजधानी शिमला का न्यूनतम तापमान जहां 7.2 डिग्री चला हुआ है, वहीं ऊना व सुंदरनगर में 4.1, पालमपुर में 5, सोलन में 3.5, कांगड़ा में 6.2 डिग्री चला हुआ है। गुरुवार को अधिकतम तापमान ऊना में 25.6 डिग्री, जबकि राजधानी शिमला में 15.8 डिग्री रिकार्ड किया गया है।

राज्य में चल रहे ड्राई स्पैल के कारण उच्च पर्वतीय इलाकों की झीलों के बाद अब सड़कें जमना शुरू हो गई हैं, जिससे वाहन चालकों को भी परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं। राज्य में पिछले 58 दिनों में सामान्य से 98 फीसदी कम मेघ बरसे हैं। बिलासपुर, चंबा, हमीरपुर, कुल्लू, सिरमौर व सोलन जिलों में पूरी तरह से सूखा बना रहा। इस वर्ष नवम्बर माह में सामान्य से 99 फीसदी कम बारिश हुई है और मात्र 0.2 मिलीमीटर बारिश रिकार्ड की गई है।

मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक डा. कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा कि वर्ष 2016 में भी नवम्बर में बारिश नहीं हुई थी और इस वर्ष भी हालात कुछ ऐसे ही बने हैं। वर्ष 2011 व 2005 में 0.3, 1994 में 0.1, 1975 में 0.2, 1970 और 1955 में 0.3 मिलीमीटर वर्षा हुई थी, जबकि 19.7 मिलीमीटर को सामान्य बारिश माना गया।
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