Edited By Vijay, Updated: 29 Jun, 2025 06:04 PM

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के ढली क्षेत्र से सटे लिंडीधार गांव में फोरलेन सड़क का डंगा एक बार फिर ढह गया है, जिससे स्थानीय निवासियों में भारी दहशत का माहौल है।
शिमला (भूपिन्द्र): हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के ढली क्षेत्र से सटे लिंडीधार गांव में फोरलेन सड़क का डंगा एक बार फिर ढह गया है, जिससे स्थानीय निवासियों में भारी दहशत का माहौल है। यह दूसरी बार है जब यहां फोरलेन का डंगा गिरा है, जिसने ग्रामीणों की रातों की नींद हराम कर दी है और कई परिवारों को अपने घरों से बाहर रहने पर मजबूर कर दिया है। बता दें कि बीती रात से हो रही लगातार बारिश के कारण करीब 90 फुट ऊंचे डंगे का दूसरा हिस्सा भी ढह गया है। कुछ दिन पहले ही इसी डंगे का एक हिस्सा गिरने से एक सेब का बागीचा तबाह हो गया था। अब दूसरे हिस्से के गिरने से लिंडीधार गांव के कई घर सीधे खतरे की जद में आ गए हैं। ग्रामीण डर के साए में जी रहे हैं और उन्हें अपनी जान-माल की सुरक्षा को लेकर चिंता सता रही है।
एसडीएम मनजीत शर्मा ने दिए सेफ्टी वॉल लगाने के निर्देश
ग्रामीणों का आरोप है कि पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह और डीसी शिमला अनुपम कश्यप ने मौके का दौरा किया था, लेकिन इसके बावजूद अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। यहां तक कि ग्रामीणों ने निर्माण करने वाली कंपनी के खिलाफ मामला भी दर्ज कराया है, लेकिन प्रशासन और सरकार की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। रविवार को एसडीएम शिमला ग्रामीण मनजीत शर्मा ने भी मौके पर पहुंचकर निर्माण कर रही कंपनी के अधिकारियों को चेतावनी दी है और मलबे को हटाकर जल्द से जल्द सेफ्टी वॉल लगाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने 15 दिन बाद दोबारा क्षेत्र का निरीक्षण करने की बात कही है।
कई बार स्थिति से अवगत करवाया, आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला
स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्होंने कई बार अधिकारियों को इस गंभीर स्थिति से अवगत कराया है, लेकिन हर बार उन्हें केवल आश्वासन ही मिले हैं। एक महीने पहले डंगा गिरने के बाद भी दोबारा डंगा लगाने का कार्य शुरू नहीं किया गया और उलटा मलबा यहां डंप किया जा रहा था, जिसके कारण डंगे का दूसरा हिस्सा भी गिर गया। ग्रामीणों का दावा है कि एक हिस्सा और गिरने की कगार पर है, जिससे घरों को और भी बड़ा खतरा पैदा हो गया है।
दो दिन का अल्टीमेटम और चक्का जाम की चेतावनी
ग्रामीणों ने प्रशासन को सड़क ठीक करने के लिए केवल दो दिन का समय दिया है। यदि इस अवधि में कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती है, तो उन्होंने ढली में सड़क पर बैठकर चक्का जाम करने की चेतावनी दी है। यहां तक कि उन्होंने दिल्ली तक में चक्का जाम करने की बात कही है, जो उनकी हताशा और गुस्से को दर्शाता है।
लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह से हस्तक्षेप की मांग
ग्रामीण ऋषि राठौर ने लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह से मौके पर आकर स्थिति का जायजा लेने और कार्य की गुणवत्ता की जांच करने का आग्रह किया है। उन्होंने सुझाव दिया कि जिस तरह सांसद अनुराग ठाकुर ने हमीरपुर-मंडी में बन रहे फोरलेन को लेकर नितिन गडकरी को पत्र लिखा था, उसी तरह विक्रमादित्य को भी अपने क्षेत्र की आवाज उठानी चाहिए ताकि निर्माण कार्य सही ढंग से हो सके। राठौर ने बताया कि उन्होंने भी इस सड़क को लेकर गडकरी को शिकायत पत्र मेल किया है। उनका स्पष्ट आरोप है कि यहां गुणवत्ता के साथ काम नहीं हो रहा है।
कंपनी ने बारिश के माैसम में शुरू किया काम
ग्रामीण देवेंद्र राठौर ने आरोप लगाया कि जब मौसम साफ था, तब कंपनी ने काम नहीं किया, लेकिन अब बारिश शुरू होते ही डंगे का कार्य शुरू किया है। उन्होंने कहा कि डंगों के गिरने से गांव में जान-माल का खतरा बना हुआ है। वहीं, अजय ठाकुर ने कहा कि एक माह पूर्व जिला प्रशासन को अवगत कराया गया था कि एहतियाती कदम उठाए जाएं, लेकिन प्रशासन ने सुरक्षा को लेकर जो कंपनी को आदेश दिए थे, वे पूरे नहीं किए गए। उन्होंने यह भी कहा कि फोरलेन बनाने वाली कंपनी सुरक्षा को लेकर कोई कदम नहीं उठा रही है।
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