Himachal: जेपी नड्डा बाेले-हिमाचल में 26 हजार करोड़ की लागत से बन रहे 25 नैशनल हाईवे प्राेजैक्ट्स, राज्य सरकार से मांगा सहयोग

Edited By Vijay, Updated: 05 Jul, 2025 06:58 PM

union minister jagat prakash nadda

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा रसायन एवं उर्वरक मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने शनिवार को बिलासपुर में हिमाचल प्रदेश में चल रही राष्ट्रीय राजमार्ग और सुरंग परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता की।

बिलासपुर: केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा रसायन एवं उर्वरक मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने शनिवार को बिलासपुर में हिमाचल प्रदेश में चल रही राष्ट्रीय राजमार्ग और सुरंग परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में विधायक रणधीर शर्मा और त्रिलोक जम्वाल के साथ-साथ सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे। जेपी नड्डा ने अधिकारियों से सभी परियोजनाओं की विस्तृत जानकारी ली और उन्हें निर्देश दिए कि इन सभी कार्यों को तय समय से पहले पूरा किया जाए।

प्रदेश में 21 सुरंगों का निर्माण पूरा
बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री नड्डा ने बताया कि वर्तमान में हिमाचल प्रदेश में 25 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाएं चल रही हैं, जिनकी कुल लंबाई 2592 किलोमीटर है। इनमें से 627 किलोमीटर लंबी परियोजनाएं निर्माणधीन हैं, जिन पर लगभग 26,000 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। वहीं, 416 किलोमीटर लंबी परियोजनाएं अभी पाइपलाइन में हैं, जिन पर लगभग 25265 करोड़ रुपए खर्च करने का प्रस्ताव है। सुरंग निर्माण के क्षेत्र में भी हिमाचल में काफी प्रगति हुई है। अब तक प्रदेश में 21 सुरंगों का निर्माण पूरा हो चुका है, जिन पर लगभग 2600 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। इसके अलावा, 19 सुरंगों का निर्माण कार्य जारी है, जिनकी अनुमानित लागत 3200 करोड़ रुपए है। भविष्य में 28 और सुरंगें बनाने की योजना है, जिन पर लगभग 5400 करोड़ रुपए खर्च होंगे। नड्डा ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी परियोजनाएं 2028 से पहले पूरी की जाएं और सुरंग निर्माण को विशेष प्राथमिकता दी जाए।

ब्यास नदी में ड्रेजिंग न करने से क्षतिग्रस्त हो रहा फोरलेन 
नड्डा ने हिमाचल प्रदेश सरकार से कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर सहयोग की अपील की। उन्होंने कहा कि ब्यास नदी में ड्रेजिंग का काम राज्य सरकार का है, लेकिन यह काम न होने के कारण ब्यास नदी का पानी अक्सर कीरतपुर-मनाली फोरलेन सड़क को नुकसान पहुंचा रहा है। उन्होंने प्रदेश सरकार से इस कार्य को जल्द से जल्द पूरा करने का आग्रह किया, ताकि फोरलेन सड़क को बचाया जा सके। इसके अलावा नड्डा ने बताया कि हिमाचल प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एक सर्कुलर के कारण NHAI को हर साल एक औद्योगिक इकाई के रूप में एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) लेना पड़ता है, जिससे परियोजनाओं के काम में देरी होती है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को सड़क निर्माण कार्य और इसमें इस्तेमाल होने वाली मशीनों को इंडस्ट्री की श्रेणी से बाहर निकालना चाहिए, ताकि सभी परियोजनाएं समय पर पूरी हो सकें।

सुमदो-काजा सड़क निर्माण को प्रदेश सरकार की एनओसी का है इंतजार
जेपी नड्डा ने सुमदो-काजा सड़क परियोजना का भी जिक्र किया, जिसे 2024 में ही मंजूरी मिल चुकी है। उन्होंने कहा कि इस सड़क का काम हिमाचल सरकार से वन स्वीकृति न मिलने के कारण रुका हुआ है। इसी तरह, बीरहु से लठियाणी तक की सड़क परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण और पेड़ों की कटाई की अनुमति भी राज्य सरकार के पास लंबित है, जिसे जल्द से जल्द हल करने की आवश्यकता है।

घुमारवीं-शाहतलाई सड़क अपग्रेडेशन हेतु 35 करोड़ रुपए आबंटित
जेपी नड्डा ने बताया कि बिलासपुर जिले में घुमारवीं-शाहतलाई सड़क को अपग्रेड करने के लिए 35 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। यह सड़क 2026 तक अपग्रेड कर दी जाएगी और इसका काम जल्द ही शुरू होगा।

3 वर्षों में केंद्र सरकार ने हिमाचल को दी 5152 करोड़ की सहायता राशि
केंद्रीय मंत्री ने जानकारी दी कि पिछले 3 वर्षाें में केंद्र सरकार ने हिमाचल को विभिन्न योजनाओं में 5152 करोड़ रुपए की सहायता राशि दी है। इसमें राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष के 1736 करोड़, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष के 1071 करोड़ और राज्य आपदा प्रबंधन के 339 करोड़ रुपए शामिल हैं, साथ ही जून 2025 में आपदा के बाद पुनर्निर्माण के लिए दी गई 2006 करोड़ रुपए की राशि भी इसमें शामिल है।

स्वास्थ्य क्षेत्र में कम खर्च पर जताई चिंता
जेपी नड्डा ने पीएम-अभीम योजना का भी जिक्र किया, जिसमें केंद्र सरकार ने 2021-25 के लिए हिमाचल को 360 करोड़ 11 लाख रुपए दिए हैं, लेकिन राज्य केवल 78 करोड़ ही खर्च कर पाया है। उन्होंने कहा कि इस राशि का उपयोग करने के लिए हिमाचल के पास केवल एक साल बचा है। उन्होंने बताया कि हाल ही में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को इस बारे में आगाह कर दिया गया है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में हिमाचल को मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार ने 8 क्रिटिकल केयर यूनिट स्वीकृत किए हैं, लेकिन इनमें से केवल 3 का ही निर्माण शुरू हुआ है और 2 के ही टैंडर हुए हैं। 15वें वित्त आयोग से हिमाचल को मिले 521 करोड़ रुपए में से भी केवल 128.62 करोड़ (लगभग 24.6 प्रतिशत) ही खर्च हो पाए हैं। नड्डा ने मुख्यमंत्री सुक्खू से आग्रह किया कि पीएम-अभिमन्यु और 15वें वित्त आयोग की बची हुई राशि का उपयोग युद्धस्तर पर करें, अन्यथा यह हिमाचल के लोगों के साथ अन्याय होगा।

जायका के हिमाचल को दिए गए 1138 करोड़
जायका फंड के बारे में जेपी नड्डा ने बताया कि मुख्यमंत्री सुक्खू के अनुरोध पर उन्होंने तुरंत कार्रवाई की, जिसके बाद जायका के 1138 करोड़ रुपए हिमाचल को मिल गए हैं। इसके अलावा मेडिकल कॉलेजों को मजबूत करने, हमीरपुर में कैंसर के इलाज की सुविधा देने और प्रदेश के 69 स्वास्थ्य संस्थानों को अपग्रेड करने के लिए केंद्र ने 1024 करोड़ रुपये दिए हैं, जिसमें से केवल 113 करोड़ रुपये का ऋण हिमाचल को चुकाना होगा, बाकी राशि अनुदान के रूप में है।
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