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शिक्षकों की अस्थायी भर्ती पर बेरोजगारों का सचिवालय में हल्ला बोल, सरकार के खिलाफ की नारेबाजी

Edited By Vijay, Updated: 27 Apr, 2023 06:49 PM

unemployed protest in secretariat over temporary recruitment of teachers

शिक्षकों की अस्थायी भर्ती के फैसले को लेकर बेरोजगार युवा सड़कों पर उतर आए हैं। वीरवार को प्रदेश से सैंकड़ों युवा शिमला पहुंचे और यहां उन्होंने सचिवालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान युवाओं ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

शिमला (प्रीति): शिक्षकों की अस्थायी भर्ती के फैसले को लेकर बेरोजगार युवा सड़कों पर उतर आए हैं। वीरवार को प्रदेश से सैंकड़ों युवा शिमला पहुंचे और यहां उन्होंने सचिवालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान युवाओं ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। युवाओं ने आरोप लगाया कि चुनाव से पहले कांग्रेस ने स्थायी भर्ती का वायदा किया था, अब सत्ता में आते ही सरकार तानाशाह बन गई है। बेरोजगारों का कहना है कि सरकार के इस फैसले से लाखों युवाओं का भविष्य दांव पर लग गया है। जो युवा डिग्री करके पिछले 5 या 10 वर्षों से नौकरी का इंतजार कर रहे हैं, उनके भविष्य के साथ सरकार खिलवाड़ कर रही है।

अकादमिक आधार पर 3 साल की अस्थायी भर्ती नहीं मंजूर
बेरोजगार युवाओं ने कहा कि अकादमिक आधार पर सरकार शिक्षकों को 3 साल की नौकरी दे रही है, ऐसे में सरकार कमीशन से 5 वर्षों तक शिक्षकों के पद नहीं भरेगी। इससे बेरोजगारों का इंतजार और लंबा हो जाएगा। इस दौरान युवा मुख्यमंत्री से नहीं मिल पाए। हालांकि वे सुबह से मुख्यमंत्री का इंतजार कर रहे थे। जब वे मुख्यमंत्री से नहीं मिल पाए तो उन्होंने उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान से मुलाकात की। बेरोजगार युवाओं ने उद्योग मंत्री को इन भर्तियों को रद्द करने की मांग की। उन्होंने कहा कि सरकार की इस भर्ती में पूर्व में  10वीं, 12वीं, ग्रैजुएशन करने वाले अभ्यर्थी बाहर होंगे। इसके पीछे का कारण कोरोना काल में 12वीं से लेकर ग्रैजुएशन तक के छात्रों को प्रमोट करना है। ये छात्र  मैरिट में हैं, ऐसे में पूर्व छात्र इन भर्तियों में अकादमिक शर्तों को पूरा नहीं कर पाएंगे। युवाओं ने सरकार से इस फैसले को वापस लेने की मांग की है। 

एचपीयू या फिर एचपी बोर्ड से करवाई जाए भर्ती 
बेरोजगारों ने कहा कि यदि सरकार कमीशन से इन भर्तियों को नहीं करवाना चाहती है तो एचपीयू या एचपी बोर्ड से इन भर्तियों को स्थायी तौर पर करवाए। बेरोजगार युवाओं ने उद्योग मंत्री के साथ इस मामले पर चर्चा की लेकिन जब बेरोजगारों को सरकार की तरफ से कोई आश्वासन नहीं मिला तो उन्होंने सचिवालय के बाहर सड़क में बैठकर नारेबाजी शुरू कर दी। इस दौरान युवाओं को सचिवालय के बाहर नारेबाजी करने से पुलिस द्वारा रोका गया। पुलिस अधिकारी ने युवाओं को शांतिपूर्वक ढंग से प्रर्दशन करने को कहा। हिमाचल प्रदेश बेरोजगार संघ ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि इसके बाद भी सरकर ने ये भर्तियां की तो लाखों युवा सड़कों पर उतरकर सरकार के विरुद्ध प्रदर्शन करेंगे। 

सभी के हित में होगा फैसला : चौहान 
उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं के साथ है। भर्तियों को लेकर जो भी फैसला होगा, वह बेरोजगारों के हक में ही लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अभी इस मामले में सरकार ने अंतिम फैसला नहीं लिया है। 

नहीं हुई कैबिनेट सब कमेटी की बैठक
मामले पर वीरवार को केबिनेट सब कमेटी की बैठक प्रस्तावित थी लेकिन इस बीच बेरोजगार युवाओं के हल्ला बोल के बाद यह बैठक नहीं हो पाई। 

क्या बोले शिक्षा मंत्री 
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कि शिक्षा विभाग में पिछले कई वर्षों से शिक्षकों की कमी चली हुई है। वर्तमान प्रदेश सरकार इस समस्या के निवारण के लिए प्रभावी कदम उठाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग, बैच आधार पर भर्ती, पदोन्नति और स्टाफ के युक्तिकरण के माध्यम से शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने के लिए प्रतिबद्ध है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षकों की नियुक्ति का निर्णय पूर्ण मैरिट व विद्यार्थियों के हितों और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को ध्यान में रखते हुए ही लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग के अलावा अन्य सभी विभागों में नियुक्तियों में पारदर्शिता सुनिश्चित करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। 

कम्प्यूटर प्रोफैशनल एसोसिएशन ने भी किया विरोध
कम्प्यूटर प्रोफैशनल एसोसिएशन हिमाचल प्रदेश ने भी इस भर्ती का कड़ा विरोध किया है। एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष पीयूष सेवल सहित सभी पदाधिकारियों ने कहा है कि कांग्रेस सरकार ने पुरानी प्रथा को जारी रखते हुए अस्थायी तौर पर फिर से नियुक्तियां करने का निर्णय लिया है, जो सही नहीं है। यह युवाओं के साथ बहुत बड़ा धोखा है। पीयूष सेवल ने कहा कि सरकारी स्कूलों में छठी से दसवीं कक्षा के लिए आईटी को-आर्डिनेटर के 430 पदों को आऊटसोर्स से भरने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। इसमें बीटैक, एमसीए तथा एमएससी के साथ पीजीडीसीए के डिप्लोमा की शैक्षणिक योग्यता तय की गई है। चयनित अभ्यर्थियों को महज 4 वर्षों के लिए केवल 12000 प्रतिमाह के वेतन पर रखा जाएगा। उधर, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल ईकाई ने भी इसका विरोध किया है। परिषद ने शिक्षा सचिव को इस बारे ज्ञापन भी सौंपा है। 

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