Edited By Jyoti M, Updated: 16 Dec, 2024 06:38 PM
ऊना जिले के क्षेत्रीय पशु चिकित्सालय बरनोह में डॉक्टरों की एक कुशल टीम ने एक भैंस के पेट से नौ प्लास्टिक के लिफाफे और लोहे की तार निकालने में सफलता प्राप्त की। यह ऑपरेशन बरनोह अस्पताल में ‘डायफ्रगमेटिक हर्निया’ का 40वां सफल ऑपरेशन था। भैंस अब पूरी...
ऊना। ऊना जिले के क्षेत्रीय पशु चिकित्सालय बरनोह में डॉक्टरों की एक कुशल टीम ने एक भैंस के पेट से नौ प्लास्टिक के लिफाफे और लोहे की तार निकालने में सफलता प्राप्त की। यह ऑपरेशन बरनोह अस्पताल में ‘डायफ्रगमेटिक हर्निया’ का 40वां सफल ऑपरेशन था। भैंस अब पूरी तरह से स्वस्थ है और उसे उसके मालिक के पास वापस सौंप दिया गया है।
पशु की निरंतर निगरानी डॉक्टरों की टीम द्वारा की जा रही है। इस ऑपरेशन की अध्यक्षता ऊना जिले के पशु स्वास्थ्य एवं प्रजनन विभाग के उप निदेशक डॉ. विनय कुमार शर्मा ने की। ऑपरेशन करने वाली डॉक्टरों की टीम में डॉ. निशांत रनौत, डॉ. शिल्पा गुप्ता, डॉ. निकिता चौधरी और सहयोगी टीम के सदस्य रमेश चन्द, सिमरन, गोपाल दास, एकता, रिशिका, धीरज, भरत भूषण, अमरजीत, मुकेश, सावन और रोहित शामिल थे।
डॉ. विनय कुमार शर्मा ने बताया कि इस तरह के ऑपरेशन पहले केवल लुधियाना में यूनिवर्सिटी स्तर पर ही किए जाते थे, लेकिन अब यह सुविधा ऊना जिले के क्षेत्रीय पशु चिकित्सालय में भी उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि यहां सालभर से शुरू इस सेवा का ऊना जिले के अलावा आसपास के जिलों जैसे हमीरपुर, बिलासपुर, कांगड़ा, सोलन और पंजाब के पशुपालकों को भी लाभ मिल रहा है, और वे अपने पशुओं का इलाज यहां करवा चुके हैं. यह अस्पताल में डायफ्रगमेटिक हर्निया का 40वां सफल ऑपरेशन था।
इसके अलावा, क्षेत्रीय पशु चिकित्सालय बरनोह में खून की जांच, दूध की जांच, और विभिन्न प्रकार की सर्जरी की सुविधाएं उपलब्ध हैं। साथ ही, पशु प्रजनन से संबंधित समस्याओं के उपचार के लिए अल्ट्रासाउंड की भी सुविधा प्रदान की जाती है। उन्होंने बताया किऑपरेशन के पहले चरण में भैंस के पेट से नौ प्लास्टिक के लिफाफे और लोहे की तार निकाले गए, जबकि दूसरे चरण में भैंस को पूरी तरह से बेहोश करके छाती में छेद को सिला गया। इस सफल ऑपरेशन को संभव बनाने के लिए डॉ. निशांत रनौत ने उप निदेशक डॉ. विनय कुमार शर्मा को मार्गदर्शन और समय पर मिले समुचित सहयोग के लिए धन्यवाद दिया।