Edited By Vijay, Updated: 18 Aug, 2023 09:23 PM

हिमाचल में सामने आए बहुचर्चित पुलिस कांस्टेबल भर्ती पेपर लीक केस में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने तीसरी एफआईआर दर्ज की है। केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद तीसरी एफआईआर भी सीबीआई की स्टेट क्राइम ब्रांच चंडीगढ़ में पंजीकृत की गई है।
शिमला (राक्टा): हिमाचल में सामने आए बहुचर्चित पुलिस कांस्टेबल भर्ती पेपर लीक केस में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने तीसरी एफआईआर दर्ज की है। केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद तीसरी एफआईआर भी सीबीआई की स्टेट क्राइम ब्रांच चंडीगढ़ में पंजीकृत की गई है। सूचना के अनुसार जिला सोलन के अर्की पुलिस स्टेशन में दर्ज मामले को आधार बनाकर सीबीआई ने विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया है। हालांकि अभी एफआईआर में किसी को नामजद नहीं किया गया है।
व्हाट्सएप चैट वायरल होने पर अर्की थाने में दर्ज हुआ था केस
गौर हो कि प्रदेश में बीते वर्ष पुलिस कांस्टेबल भर्ती के तहत हुई लिखित परीक्षा का परिणाम आने के 2 से 3 दिन बाद सोशल मीडिया पर सोलन जिले के कुछ युवाओं की व्हाट्सएप चैट वायरल हुई थी। संबंधित चैट में पैसे के लेन-देन से पेपर खरीदने के कथित आरोप लगाए गए थे। बताते हैं कि सोशल मीडिया पर वायरल हुई चैट बीते वर्ष 24 मार्च को सामने आई थी, जिसके बाद जब मामले ने तूल पकड़ा तो अर्की पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया गया। इसके साथ ही प्रदेश के अन्य जिलों में पेपर लीक के मामले सामने आए, ऐसे में सरकार ने जांच के लिए एसआईटी का गठन किया। अर्की थाने में दर्ज मामले के तहत एसआईटी ने करीब 29 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी। एसआईटी ने पेपर लीक केस में कई आरोपियों को बेनकाब किया तथा कई राज्यों से पेपर लीक के तार जुड़े। इसे देखते हुए मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का निर्णय लिया गया है। पेपर लीक मामले से जुड़ा पूरा रिकाॅर्ड सीबीआई पहले की कब्जे में ले चुकी है।
डीएसपी रैंक के अधिकारी को सौंपी जांच
पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने बीते वर्ष 17 मई को कांस्टेबल पेपर लीक केस की जांच सीबीआई को सौंपने का फैसला लिया था। उसके 8 माह बाद सीबीआई ने चंडीगढ़ में एक साथ 2 एफआईआर दर्ज की थीं। इसी कड़ी में अब तीसरी एफआईआर दर्ज की गई है। इस मामले की जांच भी डीएसपी रैंक के अधिकारी को सौंपी गई है।
क्या है पूरा मामला
पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल में पुलिस कांस्टेबल के 1334 पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई थी। इसके तहत बीते वर्ष 27 मार्च को राज्य में स्थापित किए गए 81 केंद्रों में लिखित परीक्षा आयोजित की गई थी। उसके बाद 5 अप्रैल को परिणाम घोषित किया गया था। इसी बीच 5 मई को पेपर लीक होने का मामला सामने आया, ऐसे में 6 मई को तत्कालीन मुख्यमंत्री ने परीक्षा रद्द करके पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआईटी) को मामला सौंपा था।
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