Edited By Jyoti M, Updated: 30 Dec, 2024 10:39 AM
संजौली मस्जिद विवाद के बाद बाहरी राज्यों के लोगों की पंजीकरण की उठी मुहिम के बाद थोड़ा इसने जोर अवश्य पकड़ा, लेकिन जिला शिमला में 19,462 प्रवासी कामगार ही पंजीकृत हो सके हैं। हालांकि सूत्र बताते हैं कि इनका आंकड़ा इससे अधिक है।
शिमला, (संतोष): संजौली मस्जिद विवाद के बाद बाहरी राज्यों के लोगों की पंजीकरण की उठी मुहिम के बाद थोड़ा इसने जोर अवश्य पकड़ा, लेकिन जिला शिमला में 19,462 प्रवासी कामगार ही पंजीकृत हो सके हैं। हालांकि सूत्र बताते हैं कि इनका आंकड़ा इससे अधिक है। जिला में सबसे अधिक नेपाल और यू.पी. के प्रवासी मजदूर अधिक कार्यरत हैं। नेपाल के 6,532 कामगार पंजीकृत हैं, जबकि यू.पी. के 5,559 कामगारों का रजिस्ट्रेशन पुलिस के पास हुआ है। जिला में 1338 कश्मीरी, बिहार के 2831, झारखंड के 610 और अन्य राज्यों के 2,592 कामगारों का सत्यापन हुआ है। इसी माह जिला के विभिन्न पुलिस थानों में बाहरी राज्यों के 11 लोगों का पंजीकरण किया गया है।
जिला में 521 प्रवासी लोग हैं घरेलू नौकर
जिला शिमला में 521 बाहरी राज्यों के लोग घरेलू नौकरों के रूप में काम कर रहे हैं। इसमें सबसे अधिक 172 यू.पी. के लोग हैं, जबकि नेपाल के 80, बिहार के 15 और अन्य राज्यों के 230 प्रवासियों के अलावा 24 कश्मीरी घरेलू नौकरों के रूप में काम करते हैं और पुलिस के पास इनकी वैरीफिकेशन हुई है।
प्रवासियों के पंजीकरण को लेकर कई बार उठी है मांग
हालांकि संजौली मस्जिद विवाद के बाद से जिला में प्रवासियों के पंजीकरण व सत्यापन की मांग ने जोर पकड़ा है, लेकिन गाहे-बगाहे इनके पंजीकरण व सत्यापन की मांग उठती रही है। कई मामलों में प्रवासी आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त होते हैं और यहां वारदात को अंजाम देने के बाद फरार हो जाते हैं और इनकी वैरीफिकेशन न हो पाने के कारण पुलिस को इन्हें ढूंढने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
हालांकि जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन द्वारा लोगों सहित ठेकेदारों व कंपनियों से आह्वान किया जाता है कि वे किसी भी प्रवासी को रखते हुए उनकी पुलिस वैरीफिकेशन अवश्य करवाएं, वहीं मकान मालिकों को भी हिदायत जारी की गई है कि किसी भी प्रवासी को मकान किराए पर देने पर उनका सत्यापन नजदीकी पुलिस थाना में अवश्य करवाएं, ताकि किसी भी आपराधिक घटना के होने पर उसका समुचित रिकार्ड पुलिस के पास दर्ज हो सके।