Edited By Kuldeep, Updated: 03 Jan, 2025 09:03 PM
हिमाचल प्रदेश पेयजल सप्लाई को लेकर उजागर हुए घोटाले के चलते सरकार ने इस मामले में शामिल अधिकारी और कर्मचारियों पर बड़ा एक्शन लिया है।
ठियोग (मनीष): हिमाचल प्रदेश पेयजल सप्लाई को लेकर उजागर हुए घोटाले के चलते सरकार ने इस मामले में शामिल अधिकारी और कर्मचारियों पर बड़ा एक्शन लिया है। उपमंडल ठियोग में जल संकट के दौरान टैंकरों के जरिए पानी की सप्लाई से जुड़े घोटाले में सरकार ने 2 एक्सियन सहित कुल 10 ऑफिसरों को सस्पैंड कर दिया है। बताते चलें कि डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने भी इस घोटाले को लेकर सख्त एक्शन लिए जाने की बात कही थी, जिसके सामने आने के बाद अब अधिकारियों पर गाज गिरी है और मामला अब यहीं नहीं रुकने वाला है। इस मामले में अब विजीलैंस इंक्वायरी के भी आदेश जारी किए गए हैं।
काबिलेगौर है कि ठियोग के पूर्व विधायक राकेश सिंघा ने इस मामले में मीडिया के साथ बातचीत कर मुख्य सचिव को भी पत्र लिखा था, उसके बाद मामला सुर्खियों में आया था और सरकार ने 24 घंटे के अंदर एक्शन लेते हुए 10 ऑफिसरों को सस्पैंड कर दिया है। 5 ऑफिसरों को सस्पैंड करने के आदेश जल शक्ति विभाग के एसीएस की तरफ से किए गए हैं, जबकि 5 अन्य के संबंधित अथॉरिटी ने सस्पैंशन आदेश जारी किए हैं।
टैंकर की बजाय बोलैरो, बाइक व आल्टो से पानी ढोने के बनाए थे बिल
बताते चलें कि गर्मियों के दिनों में जब ठियोग उपमंडल के आसपास के इलाकों में पेयजल की किल्लत पैदा हुई तो जल शक्ति विभाग द्वारा टैंकरों के माध्यम से पेयजल सप्लाई की जानी थी, जिसे लेकर यह घोटाला 1.13 करोड़ का बताया जा रहा है और दिलचस्प बात यह है कि टैंकर की बजाय बोलैरो, बाइक और आल्टो से पानी ढोने के बिल बनाए गए, जिस पर आमजन को भी शक होना लाजिमी बनता था।
बीते वर्ष बना पानी की सप्लाई का करोड़ों में बिल
गौर करने की बात यह है कि ऊपरी शिमला में गर्मियों के दिनों में हमेशा पेयजल की किल्लत पैदा होती है और पेयजल व्यवस्था को सुचारू किए जाने के लिए विभाग द्वारा टैंकरों के माध्यम से भी पेयजल मुहैया करवाया जाता है और ऐसे में यदि विगत वर्षों की बात की जाए तो विभाग का पेयजल टैंकरों के माध्यम से पानी मुहैया करवाने का बिल 12 से 13 लाख रुपए आता था, लेकिन वर्ष 2024 में यह आकंड़ा 1 करोड़ 13 लाख पहुंच गया।
आरटीआई से हुआ था खुलासा
काबिलेगौर है कि माकपा पदाधिकारियों द्वारा इस मामले को उजागर करने के लिए आरटीआई के माध्यम से जानकारी जुटाई गई, जिसे लेकर पूर्व विधायक राकेश सिंघा ने इस घोटाले को लेकर प्रैस कॉन्फ्रैंस में कहा था कि आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक पानी की सप्लाई के लिए टैंकर की जगह बिल में मोटरसाइकिल, वैगनार, आल्टो कार, आई-10, स्कूटी व पिकअप जैसे निजी वाहनों के नंबर दिए गए हैं और कुछ क्षेत्र ऐसे हैं जहां सड़क ही नहीं हैं वहां भी वाहन से पानी की सप्लाई दिखाई गई है। पूर्व विधायक राकेश सिंघा का आरोप है कि हॉर्टीकल्चर के एक अधिकारी की बोलैरो गाड़ी का बिल बनाकर भी पेमैंट ली गई है।