बिलासपुर-लेह रेलवे ट्रैक के लिए जांचे पानी और मिट्टी के सैंपल

Edited By Vijay, Updated: 11 Oct, 2020 08:47 PM

tested water and soil samples for bilaspur leh railway track

सामरिक महत्व व पर्यटन विकास के लिए बहुप्रतिक्षित 465 किलोमीटर लम्बी बिलासपुर-मनाली-लेह रेल लाइन के सर्वेक्षण को अंतिम रूप देने के लिए हवाई सर्वे के बाद सतह पर पानी और मिट्टी के सैंपल लिए जा रहे हैं।

मंडी (ब्यूरो): सामरिक महत्व व पर्यटन विकास के लिए बहुप्रतिक्षित 465 किलोमीटर लम्बी बिलासपुर-मनाली-लेह रेल लाइन के सर्वेक्षण को अंतिम रूप देने के लिए हवाई सर्वे के बाद सतह पर पानी और मिट्टी के सैंपल लिए जा रहे हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की गाइडलाइन के तहत रविवार को मंडी से बजौरा के बीच मिट्टी, पानी व हवा के सैंपल चैक किए गए। हवा की क्वालिटी विशेष उपकरण द्वारा चैक की जा रही है।

रविवार को नगवाईं में सर्वेक्षण टीम द्वारा मिट्टी, पानी व हवा के सैंपल लिए गए तथा उपकरणों द्वारा परीक्षण किया गया। लेह से लेकर मंडी तक मिट्टी, पानी व हवा के सैंपल परीक्षण के लिए ले लिए गए हैं। जानकारी है कि विभाग द्वारा रैफरैंस प्वाइंट्स पर जीपीएस के माध्यम से ट्रैक को अंतिम रूप दिया है। इस रेल लाइन का फाइनल लोकेशन सर्वे किया जा रहा है। बता दें की लद्दाख का सुदूर उत्तरी कोना देश की राजधानी दिल्ली से रेल लाइन से जुडऩे जा रहा है। इस रेल सैक्शन का नाम बिलासपुर-मनाली-लेह रेल लाइन रखा गया है।

सामरिक रूप से इसका खास महत्व है क्योंकि लेह से कुछ ही दूरी पर चीन की सीमा पड़ती है। प्रोजैक्ट पूरा होने के बाद यह दुनिया की सबसे ऊंची रेल लाइन होगी। जानकारी के अनुसार इस रेल प्रोजैक्ट पर ट्रेन 75 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ेगी व दिल्ली से लेह के बीच सफर का समय घटकर 40 से मात्र 20 घंटे रह जाएगा। उत्तर रेलवे के चीफ  इंजीनियर हरपाल सिंह ने कहा कि सर्वे को अंतिम रूप दिया जा रहा है।

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