Edited By Vijay, Updated: 23 Oct, 2024 10:00 PM
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिक्षक कल्याण संघ (हपुटवा) ने लंबे समय से लंबित पड़ी शिक्षकों की मांगें अब तक पूरी न होने पर आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी है।
शिमला (अभिषेक): हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिक्षक कल्याण संघ (हपुटवा) ने लंबे समय से लंबित पड़ी शिक्षकों की मांगें अब तक पूरी न होने पर आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी है। इसी कड़ी में प्रथम चरण में शिक्षक काले बिल्ले लगाकर कार्य करेंगे और मांगें पूरी न होने पर रोष व्यक्त करेंगे। इसके बाद दूसरे चरण में हपुटवा के बैनर तले शिक्षक राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर व शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर को ज्ञापन सौंपेंगे। बुधवार को विश्वविद्यालय मेें हपुटवा की बैठक में निर्णय लिया गया कि अगर मांगें जल्द पूरी न की गई तो आंदोलन शुरू किया जाएगा।
बैठक की अध्यक्षता हपुटवा के अध्यक्ष डा. नितिन व्यास ने की। उन्होंने कहा कि करियर एडवांसमैंट स्कीम (सीएएस) की अलग अधिसूचना जारी न होने से हजारों शिक्षकों को पदोन्नति नहीं मिल पा रही है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने जो नया वेतनमान लागू किया था उसमें जो करियर एडवांसमैंट स्कीम के तहत अधिसूचना जारी होनी थी उसको प्रदेश सरकार ने अभी तक जारी नहीं किया है जिस कारण हिमाचल प्रदेश के तीनों विश्वविद्यालय और कालेजों में सेवाएं देने वाले हजारों शिक्षकों को जो यूजीसी के नियमों के तहत संचालित होते हैं, को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि यूजीसी द्वारा नया पे स्केल 2016 में दे दिया गया था, जिसे पिछली भाजपा सरकार ने शिक्षकों को 2022 में जारी कर दिया था परंतु सीएएस के लिए अलग से अधिसूचना जारी करने की बात कही थी। उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार ने 2 वर्षों से ज्यादा समय में भी इस विषय में कोई निर्णय नहीं लिया है। इससे विश्वविद्यालय, कालेजों और यू.जी.सी. द्वारा संचालित विभिन्न शिक्षण संस्थानों के 7000 कर्मचारियों की पदोन्नति रुक गई है।
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