Edited By Kuldeep, Updated: 13 Mar, 2023 09:40 PM

हिमाचल प्रदेश के ऊंचाई वाले क्षेत्रों के किसानों को अब अपने खेत में स्प्रे करने के लिए अधिक मेहनत नहीं करनी होगी। ऐसे क्षेत्रों से अब दवाइयों का छिड़काव ड्रोन के माध्यम से किया जा सकेगा। हिमाचल प्रदेश में पहली बार मंडी के सुंदरनगर और सोलन के कंडाघाट...
सुंदरनगर (पवन): हिमाचल प्रदेश के ऊंचाई वाले क्षेत्रों के किसानों को अब अपने खेत में स्प्रे करने के लिए अधिक मेहनत नहीं करनी होगी। ऐसे क्षेत्रों से अब दवाइयों का छिड़काव ड्रोन के माध्यम से किया जा सकेगा। हिमाचल प्रदेश में पहली बार मंडी के सुंदरनगर और सोलन के कंडाघाट स्थित कृषि विज्ञान केंद्रों में 2 ड्रोन पहुंच चुके हैं। कृषि विज्ञान केंद्र सुंदरनगर के डा. डी.एस. यादव पुणे से ड्रोन पायलट का कोर्स कर पायलट का अधिकृत लाइसैंस प्राप्त कर चुके हैं। अब इन कृषि विज्ञान केंद्रों के माध्यमों से लोगों को ड्रोन तकनीक और इससे होने वाले लाभों के बारे में जागरूक कर उन्हें इसके लिए प्रोत्साहित करने का कार्य करेंगे।
डा. यादव सहित पालमपुर के 2 अन्य विभागीय अधिकारियों ने ड्रोन पायलट का कोर्स पूरा किया है। 2 दिन ऑनलाइन प्रशिक्षण के बाद उन्होंने 22 से 24 फरवरी तक महाराष्ट्र के पुणे में हाईटैक वल्र्ड इंस्टीच्यूट से इसका प्रशिक्षण पूरा किया है। अब ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों को ड्रोन के बारे डैमो देकर उन्हें इसके लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
ड्रोन खरीद पर सरकार देती है 70 प्रतिशत सबसिडी
प्रदेश के किसान सोसायटी बनाकर ड्रोन खरीद सकते हैं। इसके लिए प्रदेश सरकार द्वारा सोसायटी को 70 प्रतिशत सबसिडी भी प्रदान की जाती है लेकिन उससे पहले सोसायटी से किसी एक व्यक्ति को ड्रोन चलाने का प्रशिक्षण लेना होगा। कांगड़ा के शाहपुर आई.टी.आई. में ड्रोन पायलट का प्रशिक्षण लिया जा सकता है।
ड्रोन स्प्रे से किसानों को मिलेगा यह लाभ
ड्रोन के माध्यम से स्प्रे करने पर पानी का प्रयोग कम होगा, 10 लीटर पानी से 5 बीघा भूमि पर छिड़काव किया जा सकेगा, कैमिकल का प्रयोग कम होगा और स्प्रे के लिए अतिरिक्त रूप से लगने वाली लेबर पर होने वाला खर्च भी बचेगा।
डा. पंकज सूद प्रभारी विज्ञानी कृषि विज्ञान केंद्र सुंदरनगर का कहना है कि कृषि विज्ञान केंद्र के विज्ञानी डा. डी.एस. यादव पुणे से ड्रोन पायलट का कोर्स पूरा करके आए हैं। प्रदेश में पहली बार खेतों में ड्रोन तकनीकी का प्रयोग किया जाएगा। लोगों को इससे होने वाले लाभों बारे बताकर उन्हें जागरूक किया जाएगा।