Edited By Vijay, Updated: 07 Mar, 2025 05:21 PM

विधानसभा के बजट सत्र से पहले राज्य सरकार 322 करोड़ रुपए का कर्ज लेने जा रही है। कर्ज की यह राशि 10 वर्ष की अवधि के लिए ली जा रही है। इसके लिए नीलामी प्रक्रिया 11 मार्च होगी तथा 12 मार्च को यह राशि सरकार के खाते में जमा हो जाएगी।
शिमला (कुलदीप): विधानसभा के बजट सत्र से पहले राज्य सरकार 322 करोड़ रुपए का कर्ज लेने जा रही है। कर्ज की यह राशि 10 वर्ष की अवधि के लिए ली जा रही है। इसके लिए नीलामी प्रक्रिया 11 मार्च होगी तथा 12 मार्च को यह राशि सरकार के खाते में जमा हो जाएगी। सरकार को ऋण की यह राशि 12 मार्च, 2035 को लौटानी होगी। कर्ज की इस राशि के बाद राज्य सरकार पर करीब 91000 करोड़ रुपए से अधिक कर्ज चढ़ जाएगा। हालांकि वर्तमान सरकार की तरफ से पूर्व की सरकारों की तरफ से लिए गए कर्ज को लौटाया भी गया था, ऐसे में अब आगामी बजट में सही तस्वीर सामने आ पाएगी कि राज्य सरकार पर कितना कर्ज चढ़ चुका है। वित्त वर्ष 2024-25 का समापन 31 मार्च को रहा है। ऐसे में सरकार को वित्त वर्ष के अंतिम माह के कर्मचारियों के वेतन और पैंशनरों की वित्तीय अदायगियों को निपटाने पर भी दबाव है। इसके अलावा 1 अप्रैल, 2025 से शुरू होने वाले आगामी वित्त वर्ष 2025-26 में राजस्व घाटा अनुदान राशि घटकर 3,256 करोड़ रुपए रह जाएगी। इस कारण आगामी वित्त वर्ष भी सरकार पर भारी पड़ने वाला है।
सरकार को चुकानी पड़ रही हैं 4 तरह की देनदारियां
राज्य सरकार को इस समय प्रति माह 4 तरह की देनदारियों का चुकाना पड़ा रहा है। इसमें पहला कर्मचारियों का मासिक वेतन, दूसरा पैंशनरों की मासिक पैंशन, तीसरा पहले लिए ऋण का मूलधन लौटाना और चौथा ऋण के ब्याज का भुगतान करना शामिल है। यानी जहां कर्मचारियों के वेतन पर 1200 करोड़ रुपए और पैंशनरों की पैंशन पर 800 करोड़ रुपए चुकता करने हैं, वहीं ऋण के ब्याज के तौर पर 500 करोड़ रुपए और कुल ऋण का मूलधन चुकाने के लिए 300 करोड़ रुपए की आवश्यकता है।
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