420 करोड़ के कर्ज से हुई सरकार के नए वित्त वर्ष की शुरूआत, प्रदेश पर चढ़ा इतने हजार करोड़ का कर्ज

Edited By Vijay, Updated: 01 Apr, 2020 10:18 PM

starts new financial year of government from loan of 420 crore

राज्य सरकार की तरफ से वित्तीय वर्ष 2020-21 की शुरूआत 420 करोड़ रुपए के कर्ज लेने के साथ हुई है। सरकार की तरफ से यह कर्ज 10 वर्ष की अवधि तक लिया जा रहा है। इससे पहले सरकार की तरफ से विधानसभा में बजट पेश करने से ठीक 1 दिन पहले 1160 करोड़ रुपए का कर्ज...

शिमला (ब्यूरो): राज्य सरकार की तरफ से वित्तीय वर्ष 2020-21 की शुरूआत 420 करोड़ रुपए के कर्ज लेने के साथ हुई है। सरकार की तरफ से यह कर्ज 10 वर्ष की अवधि तक लिया जा रहा है। इससे पहले सरकार की तरफ से विधानसभा में बजट पेश करने से ठीक 1 दिन पहले 1160 करोड़ रुपए का कर्ज लिया था। इस तरह अब तक हिमाचल प्रदेश पर 56120 करोड़ रुपए का कर्ज चढ़ चुका है। यानी मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नेतृत्व वाली सरकार अपने कार्यकाल में 11401.85 करोड़ रुपए का कर्ज ले चुकी है। हालांकि वर्तमान सरकार ने 5152.11 करोड़ रुपए का कर्ज लौटाया भी है।

कोरोना संक्रमण के चलते प्रदेश में कर्फ्यू की स्थिति के बीच सरकार ने अपने कर्मचारियों को 3 अप्रैल तक वेतन उनके खाते में डालने का प्रावधान किया है। सरकारी कर्मचारियों की तरह पैंशनरों को भी उनके खाते में पैंशन समय पर उपलब्ध करवाने की बात कही गई है। वित्तीय वर्ष के लेखे-जोखों को निपटाने में जुटे बैंकों में पहली व दूसरी अप्रैल को अवकाश रहने के कारण कर्मचारियों के खाते में वेतन 3 अप्रैल तक डाल दिया जाएगा। प्रदेश विधानसभा से गत 23 मार्च को ध्वनिमत से पारित वित्तीय वर्ष, 2020-21 के 49131 करोड़ रुपए के बजट पर भी अमल शुरू हो गया है।

इस बार बजट में शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, बागवानी, पशुपालन और सामाजिक क्षेत्र को प्रमुखता दी गई है। कर्मचारी वर्ग, मजदूर, महिला और दिव्यांगों के लिए भी बजट में कई घोषणाएं की गई हैं, साथ ही बेरोजगारी की समस्या से जूझ रही हिमाचल सरकार आगामी वित्त वर्ष में 20 हजार क्रियाशील पदों को भरने का आश्वासन दिया गया है। बजट में कुल 25 नई योजनाएं शामिल की गई हैं। वित्त वर्ष के दौरान राजस्व प्राप्तियां 38439 करोड़ रुपए रहने का अनुमान है जबकि राजस्व व्यय 39123 करोड़ रुपए रहेगा।

सरकार का राजस्व घाटा 684 करोड़ रुपए रहने के साथ वित्तीय घाटा 7272 करोड़ रुपए रहने का अनुमान है जोकि पिछले बजट की तुलना में थोड़ा कम है। शेष घाटे को सरकार नए ऋण लेकर पूरा करेगी, जिसकी शुरूआत वित्त वर्ष के पहले ही दिन से 420 करोड़ रुपए का कर्ज लेने के साथ हो चुकी है। बजट में दूध का समर्थन मूल्य 2 रुपए प्रति लीटर बढ़ा देने से राज्य में दूध महंगा होगा। इसके अलावा राज्य में सस्ता राशन योजना जारी रखने के लिए 230 करोड़ रुपए तथा सस्ती बिजली उपलब्ध करवाने के लिए 480 करोड़ रुपए का प्रावधान भी बजट में किया गया है।

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