Edited By Jyoti M, Updated: 18 Mar, 2025 04:34 PM

दुनिया की सबसे ऊंची और एशिया की एकमात्र स्नो मैराथन लाहौल का चौथा संस्करण आगामी 23 मार्च को जिला लाहौल के अटल टनल के नॉर्थ पोर्टल पर स्थित सिस्सू में आयोजित होगा। लगभग 11 हजार फुट की ऊंचाई पर आयोजित होने वाला यह अनूठा आयोजन लंबी दूरी के रनर्स और...
शिमला, (अभिषेक): दुनिया की सबसे ऊंची और एशिया की एकमात्र स्नो मैराथन लाहौल का चौथा संस्करण आगामी 23 मार्च को जिला लाहौल के अटल टनल के नॉर्थ पोर्टल पर स्थित सिस्सू में आयोजित होगा। लगभग 11 हजार फुट की ऊंचाई पर आयोजित होने वाला यह अनूठा आयोजन लंबी दूरी के रनर्स और अल्ट्रा रनर्स को चुनौती देता रहा है।
इस वर्ष मैराथन में देशभर से 300 से अधिक प्रतिभागी भाग लेंगे। 4 श्रेणियों 42 किलोमीटर (फुल मैराथन), 21 किलोमीटर (हाफ मैराथन), 10 किलोमीटर और 5 किलोमीटर में प्रतिभागी हिस्सा लेंगे। स्नो मैराथन के पिछले एडीशंस में इंडियन आर्मी और इंडियन नेवी की व्यापक भागीदारी देखने को मिलती रही है। इस वर्ष इंडियन एयरफोर्स के 20 जवान भाग लेंगे। इंडियन आर्मी लद्दाख स्काऊट्स, डोगरा और कुमाऊं रैजीमेंट के एथलीटों सहित 25 टॉप रनर्स को स्नो मैराथन में भाग लेने के लिए भेज रही है। इसके अतिरिक्त आई.टी.बी.पी. और एस.एस.बी. जैसे पैरा मिलिटरी फोर्स अपने रनर्स और आऊटडोर एथलीटों के साथ अन्य को कंपीटीशन देंगी।
इस आयोजन को लाहौल और स्पीति जिला प्रशासन और हिमाचल प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा है। आर्मी एवियेटर और स्नो मैराथन के इवेंट चीफ कर्नल अरुण नटराजन ने कहा कि लाहौल का विंटर वंडरलैंड रनर्स और एडवेंचर प्रेमियों के लिए यह आयोजन एक रोमांचक अनुभव प्रदान करता है। हालांकि पिघलते ग्लेशियर और घटती बर्फबारी तत्काल चिंता का विषय है।
इवेंट के संस्थापक और हिमालय संरक्षणवादी गौरव शिमर ने मैराथन के पर्यावरण संदेश पर बल दिया। उन्होंने बताया कि भले ही यह रन उत्साही लोगों के लिए डिजाइन की गई है परंतु इसका मुख्य उद्देश्य हिमालय और ट्रांस हिमालयी क्षेत्र के सामने आने वाली पारिस्थितिक चुनौतियों को उजागर करना है।