Edited By Kuldeep, Updated: 17 Dec, 2024 09:54 PM
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सुक्खू सरकार 4 संशोधन विधेयक प्रस्तुत करने जा रही है।
शिमला (कुलदीप): हिमाचल प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सुक्खू सरकार 4 संशोधन विधेयक प्रस्तुत करने जा रही है। इसमें राधा स्वामी सत्संग ब्यास को राहत देने के लिए लैंड सीलिंग एक्ट में संशोधन से जुड़ा बिल लाया जा रहा है, ताकि भोटा अस्पताल का मालिकाना हक दिया जा सके। कर्मचारियों की सेवा शर्त तय करने को लेकर भी महत्वपूर्ण संशोधन लाया जा रहा है। इसी तरह पुलिस व पंचायती राज संशोधन भी प्रस्तुत होंगे। राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी की तरफ से लैंड सीलिंग एक्ट से जुड़ा विधेयक सदन में पेश किया जाएगा, जिस पर सभी की नजरें होंगी।
लैंड सीलिंग एक्ट में संशोधन के लिए लाए जाने वाले बिल को राजस्व मंत्री जगत नेगी सदन के पटल पर रखेंगे। डेरा ब्यास चाहता है कि हमीरपुर के भोटा अस्पताल की जमीन का मालिकाना हक उनकी ही सिस्टर आर्गेनाइजेशन महाराज जगत सिंह मैडीकल रिलीफ सोसायटी को दे दिया जाए। इसके लिए लैंड सीलिंग एक्ट में संशोधन करना जरूरी है। हालांकि सरकार के लिए ये संशोधन कोई आसान काम नहीं है। कारण ये है कि कैबिनेट में भी इस विषय को लेकर मंत्रियों में सहमति नहीं है। हिमाचल में इस समय लैंड सीलिंग एक्ट में केवल एक ही धार्मिक संस्था डेरा ब्यास को छूट मिली हुई है। डेरा ब्यास के पास हिमाचल में 4 हजार बीघा जमीन है। पूर्व में 2017 में डेरा ब्यास ने सरकार से सरप्लस जमीन बेचने की छूट भी मांगी थी, लेकिन मामला सिरे नहीं चढ़ा।
डेरा ब्यास को लैंड सीलिंग एक्ट में छूट मिली है, लेकिन शर्त ये है कि वो न तो जमीन को ट्रांसफर कर सकती है, न मार्टगेज और न ही लीज या गिफ्ट डीड। अब सरकार क्या रास्ता निकालती है, ये देखने वाली बात होगी। यदि विधानसभा से ये बिल पास हो जाता है तो भी इसे राष्ट्रपति भवन की मंजूरी जरूरी है। उल्लेखनीय है कि लैंड सीलिंग एक्ट में छूट के लिए आवेदन करने के बाद डेरा ब्यास ने कहा था कि यदि उन्हें राहत नहीं मिलती है तो पहली दिसम्बर से भोटा अस्पताल को बंद किया जाएगा। बाद में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आश्वासन दिया कि शीतकालीन के पहले ही दिन बिल लाया जाएगा और लैंड सीलिंग एक्ट में संशोधन किया जाएगा। उसके बाद भोटा अस्पताल सुचारू रूप से चल रहा है।
नियम-130 व 62 के तहत चर्चा भी होगी
पहले दिन की कार्यसूची में नियम-130 व 62 के तहत 4 चर्चाएं सूचीबद्ध हैं। इसमें पक्ष-विपक्ष के सदस्य भाग लेंगे।