Edited By Kuldeep, Updated: 07 Dec, 2024 05:12 PM
प्रदेश सरकार शैक्षणिक सत्र के मिड सैशन में शिक्षकों की ट्रांसफर नहीं करेगी। छात्रों के हित में सरकार ने यह फैसला लिया था, लेकिन अब ट्रांसफर के साथ शिक्षकों का युक्तिकरण भी अब अगले शैक्षणिक सत्र में ही होगा। मिड सैशन में सरकार न स्कूलों और न ही...
शिमला (प्रीति): प्रदेश सरकार शैक्षणिक सत्र के मिड सैशन में शिक्षकों की ट्रांसफर नहीं करेगी। छात्रों के हित में सरकार ने यह फैसला लिया था, लेकिन अब ट्रांसफर के साथ शिक्षकों का युक्तिकरण भी अब अगले शैक्षणिक सत्र में ही होगा। मिड सैशन में सरकार न स्कूलों और न ही कालेजों में सरप्लस बैठे शिक्षकों को बदलेगी। हालांकि इस समय स्कूलों में 186 शिक्षक सरप्लस हैं। इनमें वे शिक्षक भी शामिल हैं, जो राज्य से बाहर प्रतिनियुक्ति पर हैं। बीते दिनों मुख्यमंत्री ने भी मामले पर स्पष्ट आदेश जारी किए थे। उन्होंने कहा था कि बीबीएमबी प्रोजैक्ट में तैनात प्रदेश के शिक्षकों को वापस नहीं बुलाया जाएगा। जानकारी के मुताबिक यहां शिक्षा विभाग के 10 से अधिक शिक्षक कार्यरत हैं।
ऐसे में अब सरकार अगले वर्ष ही सैशन के शुरू में शिक्षकों का युक्तिकरण कर सकती है। हालांकि विभाग ने इसकी सूची तैयार कर दी थी, जिसे अब दाेबारा से बनाया जाएगा। प्रारंभिक व उच्च शिक्षा विभाग दोनों ने ही ऐसे शिक्षकों का ब्यौरा तैयार कर लिया था, जो स्कूलों में सरप्लस हैं। ये शिक्षक कई वर्षों से एक ही स्कूल में डटे हैं। इसमें अधिकतर शहरी क्षेत्रों के स्कूल हैं।
गैर-शिक्षकों का स्टेटस तलब
इस दौरान शिक्षा विभाग ने कालेजों से गैर-शिक्षक कर्मचारियों का स्टेटस तलब किया है। ऐसे में जिन कालेजों में गैर-शिक्षक कर्मचारी ज्यादा होंगे, वहां से उन्हें अन्य कालेजों में भेजा जाएगा, जहां इनकी संख्या कम होगी। यदि कालेज में अधीक्षक ग्रेड-1 और अधीक्षक ग्रेड-2 के दोनों पद भरे होंगे तो वहां से एक को हटाया जाएगा। इस दौरान एक को ऐसे कालेज में लगाया जाएगा, जहां अधीक्षक ग्रेड-1 और अधीक्षक ग्रेड-2 के दोनों पद खाली होंगे। विभाग ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। इसके चलते कालेजों से इसका ब्यौरा मांगा है। इसी सत्र में विभाग इनके आदेश जारी कर सकता है।