Edited By Kuldeep, Updated: 23 Mar, 2025 11:34 PM

भारत सरकार के नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के तहत प्रदेश में आयोजित परीक्षा में लगभग 30 हजार से अधिक अभ्यर्थियों ने भाग लिया। इस दौरान कई परीक्षा केंद्रों में 80 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्ग भी परीक्षा देने पहुंचे।
शिमला (प्रीति): भारत सरकार के नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के तहत प्रदेश में आयोजित परीक्षा में लगभग 30 हजार से अधिक अभ्यर्थियों ने भाग लिया। इस दौरान कई परीक्षा केंद्रों में 80 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्ग भी परीक्षा देने पहुंचे। शिमला ब्लाॅक के प्राइमरी स्कूल जुग चलौअग में 80 से 86 वर्ष की बुजुर्ग महिलाओं ने परीक्षा दी। इस स्कूल में 80 वर्ष के शौंकिया राम, 86 वर्ष की देबकू देवी और 84 वर्ष की सुमना देवी ने भी साक्षर बनने के लिए परीक्षा दी। उनके इस हौंसले को देख परीक्षा केंद्र में तैनात स्टाफ भी हैरान था। योजना के राज्य नोडल अधिकारी भी इस परीक्षा केंद्र में मौजूद रहे। उन्होंने इन बुजुर्गों के हौंसले की खूब सराहना की। इसी तरह प्रदेश में कई उम्र दराज लोगों ने साक्षर होने के लिए यह परीक्षा दी। यह परीक्षा सुबह 10 बजे से सायं 5 बजे तक ली गई।
इस दौरान 50-50 अंकों के 3 विषयों की परीक्षा ली गई, जिसमें पढ़ना, लिखना और गणित विषय शामिल रहा। 15 वर्ष से अधिक के असाक्षर लोगों के लिए इस परीक्षा का आयोजन किया गया था। संबंधित क्षेत्र के प्राइमरी स्कूल में ही इसके लिए परीक्षा केंद्र बनाया गया था और वहीं पर इनका पठन-पाठन कार्यक्रम भी चलाया जा रहा है। जेबीटी शिक्षकों की देखरेख में यह परीक्षा ली गई और 7 दिन के अंदर इसका रिजल्ट निकाला जाएगा। इसके बाद यह रिजल्ट भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय को भेजा जाएगा और वहां से नैशनल ओपन स्कूल के निर्देशों से इन्हें साक्षर होने का प्रमाण पत्र जारी होगा।
वर्ष 2025 में प्रदेश को शत-प्रतिशत साक्षर बनाने का लक्ष्य
नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के प्रदेश नोडल अधिकारी वीरेंद्र चौहान का कहना है कि वर्ष 2025 में प्रदेश को शत-प्रतिशत साक्षर बनाने का लक्ष्य रखा गया है और इसे पूरा करने के प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने दावा किया है कि इस वर्ष के अंत तक प्रदेश को साक्षर राज्य बनाया जाएगा। यही कारण है कि प्रदेश के असाक्षर बुजुर्ग भी साक्षर होने की राह पर हैं।