Shimla: छात्रवृत्ति योजनाओं से 87 हजार से अधिक विद्यार्थी हुए लाभान्वित

Edited By Kuldeep, Updated: 18 May, 2025 04:56 PM

shimla scholarship scheme students beneficiaries

हिमाचल प्रदेश में पिछले अढ़ाई वर्षों में सरकार ने छात्रवृत्ति कार्यक्रमों को विस्तार दिया है। विभिन्न छात्रवृत्ति योजनाओं के माध्यम से 87,000 से अधिक विद्यार्थियों को लगभग 92 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान की है।

शिमला (ब्यूरो): हिमाचल प्रदेश में पिछले अढ़ाई वर्षों में सरकार ने छात्रवृत्ति कार्यक्रमों को विस्तार दिया है। विभिन्न छात्रवृत्ति योजनाओं के माध्यम से 87,000 से अधिक विद्यार्थियों को लगभग 92 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान की है। यह योजनाएं सामाजिक रूप से कमजोर वर्गों जैसे अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के बच्चों के गुणात्मक शिक्षा के सपने को साकार करने में मील का पत्थर साबित हो रही हैं। राज्य में इन कल्याणकारी योजनाओं के तहत हजारों विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति से लाभान्वित किया। मुख्यमंत्री छात्रवृत्ति योजना के तहत उच्च शिक्षा और वंचित वर्गों के बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करवाई जाती है। इसका लाभ उठाकर बच्चे सैनिक स्कूल सुजानपुर टीहरा और आरआईएमसी जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में चयनित होने में सफल हुए हैं।

पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत अनुसूचित जाति के 22,500 से अधिक विद्यार्थियों को 4,049.70 लाख रुपए की छात्रवृत्ति प्रदान की गई है। इसके अलावा, प्रदेश सरकार द्वारा दिव्यांग विद्यार्थियों को भी छात्रवृत्ति का लाभ प्रदान किया जा रहा है, ताकि समावेशी शिक्षा के लक्ष्य हासिल किए जा सकें। जनवरी, 2025 में जारी शिक्षा की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, हिमाचल प्रदेश पढ़ने और सीखने के स्तर की राष्ट्रीय रैंकिंग में 21वें स्थान से शीर्ष स्थान पर पहुंच गया है। केंद्र सरकार की पीएम श्री योजना को सफलतापूर्वक लागू करने में हिमाचल, देश भर में शीर्ष स्थान पर रहा है। प्रदेश सरकार द्वारा योजना के तहत उपलब्ध धनराशि का शत-प्रतिशत उपयोग भी सुनिश्चित किया गया है।

प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल किए जा रहे स्थापित
प्रदेश सरकार ने पहली कक्षा से अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा उपलब्ध करवाने के वायदे को पूरा किया है। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल स्थापित किए जा रहे हैं, इन स्कूलों के माध्यम से बच्चों को वैश्विक स्तर की शिक्षा प्रदान करने के ध्येय से पूर्ण किया जाएगा। धन की कमी से प्रदेश की युवा प्रतिभा उच्च शिक्षा से वंचित न रह जाए, यह सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश सरकार ने डा. वाईएस परमार विद्यार्थी ऋण योजना शुरू की है। इस योजना को विस्तार प्रदान करते हुए अब देश के बाहर शिक्षा प्राप्त करने के इच्छुक युवाओं को भी इस योजना का लाभ प्रदान किया जाएगा। विधवा, निराश्रित और तलाकशुदा महिलाओं के बच्चों के साथ-साथ दिव्यांग माता-पिता के बच्चों की शिक्षा और कल्याण के लिए मुख्यमंत्री सुख शिक्षा योजना शुरू की गई है।

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