Edited By Kuldeep, Updated: 11 Apr, 2025 10:32 PM

शहर के उपनगर संजौली स्थित जोनांग बौद्ध मठ से दो नाबालिग भिक्षुओं के लापता होने का मामला प्रकाश में आया है।
शिमला (संतोष): शहर के उपनगर संजौली स्थित जोनांग बौद्ध मठ से दो नाबालिग भिक्षुओं के लापता होने का मामला प्रकाश में आया है। गुरुवार को घटित हुई घटना के उपरांत ढली पुलिस थाना में दर्ज हुए मामले के बाद पुलिस तुरंत हरकत में आई और इनकी तलाश के लिए पुलिस जुट गई है, वहीं आस-पड़ोस के पुलिस थानों को भी सूचित कर दिया है। पुलिस ने आसपास की सीसीटीवी फुटेज खंगालनी शुरू कर दी है और मठ के भिक्षुओं और स्टाफ से भी पूछताछ की जा रही है। पुलिस के अनुसार लापता हुए दोनों बच्चे अलग-अलग राज्यों से है, जिनमें से एक अरुणाचल प्रदेश के ईटानगर जिला का रहने वाला है, जबकि दूसरा पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग क्षेत्र का निवासी है। दोनों की आयु 12 और 13 वर्ष है।
मठ प्रबंधक पेमा फुंटसोक ने ढली थाना में दर्ज करवाई रिपोर्ट में बताया कि गुरुवार की दोपहर 12 से 2 बजे के बीच की यह घटना है, जब दोनों बच्चे अचानक मठ परिसर से गायब हो गए। मठ की ओर से बताया गया है कि दोनों बच्चे सामान्य दिनचर्या में शामिल थे और किसी तरह की कोई असामान्य गतिविधि नहीं दिखी थी। जब मठ परिसर में उनकी तलाश की गई और वे नहीं मिले तो पुलिस को सूचित किया गया। पुलिस ने बीएनएस की धारा 137(2) के तहत अपहरण का केस दर्ज कर लिया है और लापता बच्चों की पहचान और उनके मूल निवास स्थान के बारे में भी पुलिस को सूचना दी गई है, ताकि उनके परिवारों से संपर्क किया जा सके।
1963 में हुई स्थापना, भारत में इस परंपरा का इकलौता है मठ
बता दें कि जिस मठ से दोनों बच्चे लापता हुए हैं, वह जोनांग टेकन फुत्सोक चोलिंग मठ के नाम से जाना जाता है और भारत में इस परंपरा का इकलौता मठ है। इसकी स्थापना वर्ष 1963 में अमदो लामा जिनपा द्वारा की गई थी। यह मठ शिमला के संजौली क्षेत्र की एक पहाड़ी पर स्थित है और यहां वर्तमान में सौ से अधिक भिक्षु रहते हैं।