आऊटसोर्स को लेकर सदन में विपक्ष का हंगामा, वाकआऊट

Edited By Kuldeep, Updated: 04 Apr, 2023 07:58 PM

shimla sadan opposition walkout

हिमाचल प्रदेश विधानसभा में मंगलवार को विपक्ष ने आऊटसोर्स कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त करने को लेकर सदन में हंगामा किया। विपक्ष ने इस मुद्दे पर नियम 67 के तहत सभी कार्य रोककर चर्चा की मांग की, जिसे विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया ने अस्वीकार कर दिया।

शिमला (भूपिन्द्र): हिमाचल प्रदेश विधानसभा में मंगलवार को विपक्ष ने आऊटसोर्स कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त करने को लेकर सदन में हंगामा किया। विपक्ष ने इस मुद्दे पर नियम 67 के तहत सभी कार्य रोककर चर्चा की मांग की, जिसे विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया ने अस्वीकार कर दिया। इस पर विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी की तथा वैल में (सदन के बीचोंबीच) बैठकर भी अपना विरोध जताया। सदन में काफी देर तक हंगामा चलता रहा तथा इसके बाद विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी करते हुए सदन से वाकआऊट किया। विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विधायक रणधीर शर्मा ने मामला उठाने का प्रयास किया। लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने नियमों का हवाला देते हुए इसकी अनुमति नहीं दी। उन्होंने कहा कि विधायक सुखराम चौधरी, त्रिलोक जम्वाल, सुरेंद्र शौरी, रणधीर शर्मा, जनकराज, विपिन सिंह परमार, विनोद कुमार और हंसराज ने आऊटसोर्स भर्ती को लेकर नियम 67 के तहत चर्चा की मांग की थी। इस विषय पर पहले ही कई सवाल लग गए हैं, जिसका सरकार की ओर से जवाब दिया गया है।

उन्होंने इसे अस्वीकार कर दिया तथा इसके बाद प्रश्नकाल शुरू कर दिया। इस पर सदन में शोर-शराबा शुरू हो गया। पहला सवाल रणधीर शर्मा का ही लगा था। उन्होंने इस दौरान जब यह मुद्दा उठाने का प्रयास किया तो संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन ने आपत्ति जताई। विधानसभा अध्यक्ष की ओर से अनुमति नहीं मिलने तथा प्रश्नकाल शुरू करने पर विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी शुरू कर दी तथा कुछ देर बाद वह नारे लगाते हुए सदन के बीचोंबीच आ गए। काफी देर तक नारे लगाने के बाद विपक्ष के सदस्य वैल में बैठ गए तथा नारे लगाते रहे। काफी देर के बाद विपक्षी सदस्य नारे लगाते हुए सदन से बाहर चले गए तथा उसके बाद विपक्ष ने मंगलवार को विधानसभा की कार्यवाही में भाग नहीं लिया।

क्लीनवेज कंपनी को दिए 40 करोड़, सरकार करवाएगी जांच : अग्निहोत्री
उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्रिहोत्री ने कहा कि पूर्व सरकार ने क्लीनवेज संस्था को 40 करोड़ रुपए दिए हैं। इस संस्था के माध्यम से हुई गड़बडिय़ों की जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस कंपनी ने 5 साल में ताडंव मचा रखा था तथा यह प्रदेश में रोजगार कार्यालय की तरह काम कर रही थी। लेकिन वर्तमान सरकार राजनीतिक इच्छा शक्ति के आधार पर काम करेगी। अग्रिहोत्री ने कहा कि विपक्ष की 100 दिन बाद शक्ति जागृत हुई है, जबकि पिछले 5 वर्ष में सी.एम. रहते जयराम ठाकुर आऊटसोर्स के लिए पॉलिसी क्यों नहीं बना पाए। उन्होंने कहा कि विपक्ष को जनता ने आईना दिखाया है। वर्तमान सरकार ने आऊटसोर्स कर्मचारियों के वेतन में 750 रुपए की बढ़ौतरी की है। साथ ही हर्षवर्धन चौहान की अध्यक्षता में सब कमेटी का गठन किया गया है। इस सब कमेटी की रिपोर्ट और सिफारिशों के आधार पर सरकार अपना अगला फैसला लेगी। इनके बारे में जल्द नीतिगत फैसला लिया जाएगा। अग्निहोत्री ने कहा कि जिन आऊटसोर्स कर्मियों का कॉन्ट्रैक्ट पूरा हो गया है, वह पॉलिसी मैटर है। उन्होंने कहा कि आऊटसोर्स के बारे में नियम 67 विपक्ष को तब याद आया, जब सत्र के तीन दिन बचे हैं।

अध्यक्ष ने नेता प्रतिपक्ष को दी चेतावनी
विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान जब विपक्षी सदस्य वैल में नारे लगाते हुए बैठे तो नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया की ओर पीठ करके कुर्सी पर बैठे थे। विपक्ष के बाहर जाने के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने इस पर संज्ञान लेते हुए कहा कि इस तरह का आचरण विधानसभा नियम का उल्लंघन है। उन्होंने नियमों का हवाला देते हुए कहा कि कोई भी सदस्य विधानसभा अध्यक्ष की ओर पीठ दिखाते हुए सदन को संबोधित नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि वह इस पर कोई दंडात्मक कार्रवाई करने के इच्छुक नहीं हैं, लेकिन उन्होंने नेता प्रतिपक्ष को भविष्य में इस तरह का आचरण नहीं करने की चेतावनी भी दी।

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