Edited By Kuldeep, Updated: 28 Mar, 2025 06:33 PM
मुुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि मेट्रोपोल भवन को असुरक्षित घोषित किया गया है। यहां पर नया भवन बनाने के लिए 38 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं। यदि 100 करोड़ और खर्च करने पड़े तो करेंगे।
शिमला (भूपिन्द्र): मुुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि मेट्रोपोल भवन को असुरक्षित घोषित किया गया है। यहां पर नया भवन बनाने के लिए 38 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं। यदि 100 करोड़ और खर्च करने पड़े तो करेंगे। यहां पर 4 बैडरूम सैट बनाए जाएंगे। वाहन पार्किंग भी भवन के अंदर बनाई जाएगी। यह बात उन्होंने शुक्रवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान विधायक विपिन सिंह परमार के सवाल के जवाब में कही। विपिन परमार का कहना था कि मेट्रोपोल में रह रहे कर्मचारियों व विधायकों को आवासीय भवन बनाने की सरकार की क्या योजना है। क्या सरकार कर्मचारियों को जीएडी के मकान देगी।
इसपर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस भवन में रह रहे विधायकों और विधानसभा के कर्मचारियों को शिफ्ट करने को कह दिया गया है और ये एंटाइटलमैंट के हिसाब से कहीं और आवास ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार तो इन्हें निजी आवास लेने पर 10 हजार से 15 हजार तक किराया देने को भी तैयार है। इसके अलावा यदि विधानसभा सचिवालय स्थान उपलब्ध करवाता है तो सरकार भवन निर्माण के लिए राशि उपलब्ध करवाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर यहां पर किसी भी तरह की घटना घटती है तो इसका जिम्मेदार विधानसभा सचिवालय होगा। उन्होंने कहा कि 2 माह में इसे खाली करवा लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि शिमला में सर्कुलर रोड साथ लगते भवन के कारण तंग हो रहा है। इसे चौड़ा करने के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की है।
135 हैरिटेज भवन घोषित
विधायक विपिन परमार के मूल सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार ने जिला शिमला के शिमला व रामपुर तथा चम्बा की विकास योजनाओं में 135 हैरिटेज भवन घोषित किए गए हैं। इसके अलावा सरकार ने पिछले वर्षों में राज्यभर में 306 सरकारी कार्यालयों और सरकारी आवास भवनों को असुरक्षित घोषित कर इन्हें खाली करवाया है। उन्होंने कहा कि जिलों में असुरक्षित घोषित किए गए भवनों को गिराने के लिए विभागाध्यक्ष और डी.सी. अधिकृत किए गए हैं और वित्त विभाग की ओर से इस संबंध में समय-समय पर दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।
हिमाचल में कार्य कर रहे एनएचएआई के अधिकारियों का व्यवहार ठीक नहीं : विक्रमादित्य
लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने प्रदेश में एनएच व फोरलेन का कार्य कर रहे एनएचएआई के अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए तथा कहा कि उनका व्यवहार ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि इन अधिकारियों का व्यवहार अड़ियल व नकारात्मक है। उन्होंने कहा कि इस तरह का व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वह इस मामले को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी व एनएचएआई के वरिष्ठ अधिकारियों से उठाएंगे। अधिकारियों को प्रदेश सरकार से मिलकर कार्य करना होगा, अन्यथा इसका कड़ा संज्ञान लिया जाएगा। यह बात उन्होंने विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान विधायक डा. जनक राज के सवाल के जवाब में कही। मूल सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मटौर-शालाघाट-शिमला राष्ट्रीय उच्च मार्ग का निर्माण कार्य एनएचएआई द्वारा किया जा रहा है।
इस दौरान विधायक राकेश कालिया ने इस मार्ग के निर्माण तक मुरम्मत का कार्य अपने हाथ में रखने का आग्रह किया। संजय अवस्थी ने मुआवजा की राशि नहीं मिलने का मामला उठाया। इसपर लोक निर्माण मंत्री ने कहा कि एनएचएआई ने इसके मुरम्मत का आश्वासन दिया है। इस दौरान विधायक भुवनेश्वर गौड़ ने किरतपुर-मनाली हाईवे पर सड़क पूरी तरह से तैयार होने तक टोल टैक्स नहीं लेने की मांग की। इसपर लोक निर्माण मंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया कि जब तक इस सड़क में सुधार नहीं हो जाता, तब तक टोल को बंद रखा जाएगा।
धनराशि प्राप्त होने के बाद शुरू किया जाएगा मारकंडा नदी के तटीकरण का कार्य
विधायक अजय सोलंकी के सवाल के जवाब में उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि मारकंडा नदी के तटीकरण के लिए 105.66 करोड़ का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है। इस योजना को प्रदेश सरकार ने केंद्रीय जल आयोग को बाढ़ प्रबंधन और सीमा क्षेत्र कार्यक्रम में शामिल करने के लिए भेजा है। केंद्र से इस योजना के लिए धनराशि प्राप्त होने के बाद इसपर कार्य शुरू किया जाएगा।
हिमाचल के स्कूल व कालेजों में विद्यार्थियों की संख्या घटना चिंताजनक
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने विधायक रीना कश्यप के सवाल के जवाब में कहा कि हिमाचल प्रदेश में सरकारी स्कूलों और कालेजों में विद्यार्थियों की संख्या लगातार कम हो रही है, जो चिंता की बात है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2004 में पहली कक्षा में 1.25 लाख विद्यार्थी पंजीकृत थे, जबकि अब यह संख्या घटकर 94 हजार रह गई है।