Edited By Kuldeep, Updated: 24 Mar, 2025 09:20 PM

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि इंजीनियर विमल नेगी की मौत मामले में सरकार ने 15 दिनों में उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं और इसमें जो भी कसूरवार होगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा।
शिमला (राक्टा): मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि इंजीनियर विमल नेगी की मौत मामले में सरकार ने 15 दिनों में उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं और इसमें जो भी कसूरवार होगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा। वह सोमवार को पुलिस और संबंधित संगठन को लेकर विपक्ष द्वारा लाए गए कटौती प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब दे रहे थे। बाद में यह कटौती प्रस्ताव गिर गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष सीबीआई जांच की मांग कर रहा है जबकि विमल नेगी की पत्नी ने मुख्यमंत्री पर विश्वास जताया है। उन्होंने यह भी कहा कि विमल नेगी की पत्नी उनके लिए बहन जैसी है और घटित घटना की पूर्ण व निष्पक्ष जांच होगी।
उन्होंने कहा कि इस मामले में राजनीतिक लाभ लेने के प्रयास नहीं होने चाहिए। इस पर विपक्ष ने विरोध जताया और सदन में शोर-शराबा किया तथा थोड़ी देर बाद विपक्ष के सदस्य सदन के बाहर चले गए। मुख्यमंत्री ने कटौती प्रस्तावों पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए पूछा कि भाजपा आखिर विमल नेगी मौत मामले में सीबीआई जांच ही क्यों चाहती है। उन्होंने कहा कि सीबीआई और ईडी जैसी एजैंसियां पहले से भाजपा के हाथ में है और यह एजैंसियां कभी भी प्रदेश में छापामारी करती रहती हैं। उन्होंने कहा कि जांच एजैंसियों का राजनीतिक लाभ लेने के लिए प्रयोग नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक वीडियो सामने आया है, जिसमें पूर्व सांसद स्व. रामस्वरूप की पत्नी अपने पति जिन्होंने भाजपा को खड़ा करने में अहम योगदान दिया, उनकी रहस्यमयी परिस्थितियों में हुई मौत की जांच सीबीआई से करवाने की मांग कर रही है लेकिन पूर्व सरकार ने सीबीआई जांच नहीं करवाई।
मुख्यमंत्री ने दावा किया कि प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह से नियंत्रण में है और सरकार प्रदेशवासियों के जान-माल की सुरक्षा के लिए सक्षम है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने सत्ता में आने के बाद से राज्य में नशाखोरी के खिलाफ अभियान चलाया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने पिट-एन.डी.पी.एस. एक्ट को लागू कर नशाखोरी पर काफी हद तक रोक लगा दी है।
नशा तस्करों पर कार्रवाई करने के लिए पंचायत स्तर पर की जा रही मैपिंग
मुख्यमंत्री ने कहा कि नशा तस्करों पर कार्रवाई करने के लिए पंचायत स्तर पर मैपिंग की जा रही है। पंचायत के प्रतिनिधियों को पता होता है कि कौन लोग नशा बेच रहा है और कौन नशा कर रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार अवैध खनन माफिया के खिलाफ सख्त करवाई कर रही है। उन्होंने कहा कि खनन माफिया ने ही हमारी सरकार को गिराने की कोशिश की और लोकतंत्र को कमजोर करने की कोशिश की। ऐसे में विधायकों ने जो शिकायत की, उसके आधार पर जांच हो रही है। उन्होंने कहा कि जो भ्रष्टाचार में संलिप्त होगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी और जो ईमानदारी और पारदर्शी तरीके से काम करेगा, उन्हें डरने की जरूरत नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने क्षेत्र नालागढ़ में 3100 बीघा सरकारी भूमि लोगों को माइनिंग के लिए दे दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार अवैध खनन को रोकने के लिए विधायकों की अध्यक्षता में स्थानीय स्तर पर कमेटियां गठित करेगी। साथ ही सरकार खनन साइट की मैपिंग भी करेगी।
सरकार गिरा रहे थे, अब खुद गिर गए
उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि बीते वर्ष ये सरकार गिराने के प्रयासों में लगे थे और अब खुद गिर गए। वहीं मुख्यमंत्री ने कटौती प्रस्ताव पर हुई चर्चा के जवाब में कहा कि प्रदेश में वर्ष 2017 से 2020 तक भाजपा शासनकाल में प्रदेश में 44,426 एफआईआर दर्ज हुई, जबकि मौजूदा सरकार की इतनी ही अवधि में 42,180 एफआईआर दर्ज की गई है।