किडनैपिंग मामला: करोड़ों की फिरौती वसूलने के चक्कर में था सुमित, अकेले ही दे डाला प्लान को अंजाम

Edited By Kuldeep, Updated: 13 Aug, 2025 08:11 PM

shimla kidnapping case accused judicial remand

एक पढ़े-लिखे इंजीनियर ने कर्ज में डूबने के बाद इससे उबरने के लिए न केवल किडनैपिंग जैसी योजना बनाई, अपितु उसे बखूबी ढंग से अंजाम भी दे डाला।

शिमला (संतोष): एक पढ़े-लिखे इंजीनियर ने कर्ज में डूबने के बाद इससे उबरने के लिए न केवल किडनैपिंग जैसी योजना बनाई, अपितु उसे बखूबी ढंग से अंजाम भी दे डाला। आरोपी सुमित सूद की मंशा किडनैप किए गए इन तीन बच्चों के संभ्रात परिवारों से डेढ़ से 2 करोड़ रुपए की फिरौती वसूलने की थी। यूपी से बीटैक करने वाला सुमित सूद चौथी कक्षा से सातवीं कक्षा तक बीसीएस का ही छात्र रहा है और वह बखूबी जानता था कि रक्षाबंधन के दिन बच्चे आऊटिंग के लिए निकलते हैं और एक सप्ताह के भीतर पूरी योजना बनाते हुए उसने रक्षाबंधन के दिन इस वारदात को अंजाम भी दे डाला था। बगीचे में आग लगने से 1200 पौधे जलने के बाद इसने कुफरी में मीट-चावल का ढारा भी चलाया, लेकिन हाईकोर्ट के आदेशों से यहां से ढारे हटवा दिए गए थे।

जिस जमीन पर सेब का बगीचा लगा हुआ था, उसके ऊपर बैंक से 10 लाख की लिमिट ली थी, वहीं शेयर मार्कीट में भी 15 लाख रुपए डुबो चुका था। कर्ज से परेशान सुमित सूद पूरी तैयारियों के साथ कोकूनाला से शिमला आया, क्योंकि उसके पैतृक घर पर कोई नहीं था, उसके माता-पिता एक माह पहले उसके नाना के पास शिमला आए थे और उसकी पत्नी व दोनों बेटियां भी शिमला आई थीं और 8 अगस्त को यह भी अपने पिता की पिस्टल, 8 रौंद, एक लोहे का टकोरा, मास्क, रस्सी के पीस, डक टेप व एक चौपर लेकर आया था जबकि मोबाइल उसने अपने घर कोकूनाला में ही छोड़ा था। 9 अगस्त की सुबह 5.30 बजे वह मिशन पर निकल गया और अपनी गाड़ी के मूल नंबर (डीएल8सीएस.0654) को बदलकर इसे नंबर (डीएल5सीएस6117) बना दिया और यहां से तीन बच्चों को किडनैप करके ले गया। आरोपी को बुधवार को अदालत में पेश किया गया जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।

पुलिस ने नहीं दिखाई होती तत्परता तो युग अपहरण व हत्याकांड जैसी होती यह वारदात
स्कूल प्रबंधन की ओर से शिकायत मिलते ही पुलिस तुरंत एक्शन मोड पर आ गई। सभी पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों की अलग-अलग ड्यूटियां सुनिश्चित बनाई गईं। यदि पुलिस ने तत्परता न दिखाई होती तो एक और युग अपहरण व हत्याकांड जैसी वारदात हो सकती थी। युग को तीन अपहरणकर्त्ताओं ने किडनैप किया था और बाद में उसकी हत्या कर दी थी। इस केस में तीन बच्चों को एक ही आदमी ने उठाया था। पुलिस के हाथ में एक संदिग्ध कार की कड़ी लगी, जो इस केस को सुलझाने में मददगार साबित हुई और तीनों बच्चों को सुरक्षित ढूंढ निकाला गया, अन्यथा बड़ी वारदात भी हो सकती थी, क्योंकि आरोपी ने पहले से ही फिरौती वसूलने का प्लान बकायदा कई क्राइम शो देखकर ही बनाया था।

कई कड़ियां जोड़नी बाकी, एसआईटी कर रही जांच : गांधी
एसएसपी शिमला संजीव गांधी ने कहा कि इस मामले को 24 घंटे के भीतर क्रैक डाऊन किया गया और इसमें अधिकांश कड़ियों को जोड़ लिया गया है, लेकिन कुछ कड़ियां जोड़ी जानी हैं जिसके लिए एसआईटी गठित की है जो मामले की गहनता से जांच कर रही है। यही कारण है कि आरोपी का अदालत से दोबारा पुलिस रिमांड मांगा गया था लेकिन इसे ज्यूडीशियल रिमांड पर भेज दिया गया है लेकिन पुलिस अदालत में फिर से इसे पुलिस रिमांड पर लेने की मांग उठाएगी।

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