Edited By Vijay, Updated: 30 Jul, 2025 12:52 PM

हिमाचल प्रदेश इन दिनों कुदरत के कहर से कराह रहा है। मानसून की शुरूआत से ही लगातार बारिश, भूस्खलन, बादल फटना और अचानक आई बाढ़ ने जीवन को बुरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है।
हिमाचल डैस्क: हिमाचल प्रदेश इन दिनों कुदरत के कहर से कराह रहा है। मानसून की शुरूआत से ही लगातार बारिश, भूस्खलन, बादल फटना और अचानक आई बाढ़ ने जीवन को बुरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। पहाड़ों की गोद में बसे सैकड़ों गांव खतरे की जद में आ गए हैं और कई परिवारों की जिंदगी एक झटके में उजड़ गई। जून के अंत से शुरू हुई इस प्राकृतिक त्रासदी में अब तक सैकड़ों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, जबकि हजारों लोग बेघर हो गए हैं। नुक्सान का दायरा सिर्फ जनहानि तक सीमित नहीं है, बल्कि घर, मवेशी, सड़कें और सरकारी ढांचे भी इसकी चपेट में आकर तबाह हो चुके हैं।
सबसे ज्यादा असर मंडी जिले में, 35 लोगों की मौत
प्रदेश में 20 जून से अब तक बारिश, भूस्खलन और बाढ़ से जुड़ी घटनाओं में 170 लोगों की जान जा चुकी है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार 278 लोग घायल हुए हैं, जबकि 36 लोग अब भी लापता हैं। प्रदेश भर में सबसे ज्यादा प्रभावित जिला मंडी रहा, जहां 35 लोगों की मौत हुई है और 27 लोग अभी भी लापता हैं। इसके बाद कांगड़ा में 25, कुल्लू और चंबा में 17-17, शिमला में 14, जबकि हमीरपुर, किन्नौर, सोलन और ऊना जिलों में 11-11 लोगों की जान गई है। बिलासपुर में 8, लाहौल-स्पीति में 6 और सिरमौर में 4 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है।
भूस्खलन, फ्लैश फ्लड और बादल फटने की घटनाएं बनीं जानलेवा
अब तक राज्य में 43 बार फ्लैश फ्लड, 26 बार बादल फटने और 34 बार भूस्खलन की घटनाएं दर्ज की जा चुकी हैं। इन घटनाओं में कुल 103 लोगों की जान गई है। इसके अतिरिक्त बारिश के दौरान हुए सड़क हादसों में भी 76 लोगों की मौत हो चुकी है।
घरों और मवेशियों को भारी नुक्सान
लगातार बारिश और उससे उत्पन्न आपदाओं के चलते अब तक राज्य में 1352 घर प्रभावित हुए हैं, जिनमें से 469 पूरी तरह से ढह चुके हैं। अकेले मंडी जिले में 986 घर प्रभावित हुए हैं और इनमें 376 घरों का नामोनिशान मिट गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले सैंकड़ों परिवार अब खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हो गए हैं। वहीं, इस प्राकृतिक आपदा में 21,500 पोल्ट्री पक्षी और 1,402 मवेशियों की भी जान चली गई है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था और किसानों को भारी आर्थिक झटका लगा है।
सरकारी विभागों को भी भारी क्षति
प्रदेश में अब तक कुल नुक्सान का आंकड़ा 1538 करोड़ रुपए से ज्यादा पहुंच चुका है। इसमें सबसे अधिक क्षति लोक निर्माण विभाग को हुई है, जिसे करीब 780 करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ा है। जलशक्ति विभाग को भी लगभग 513 करोड़ रुपए की संपत्ति का नुक्सान हुआ है।