Edited By Vijay, Updated: 02 Aug, 2025 07:26 PM

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (एचपीयू) ने स्नातकोत्तर स्तर के कोर्सिज में प्रवेश प्राप्त विद्यार्थियों को बड़ी राहत दी है। स्नातकोत्तर की डिग्री अब विद्यार्थी 5 वर्ष में पूरी कर सकेंगे।
शिमला (अभिषेक): हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (एचपीयू) ने स्नातकोत्तर स्तर के कोर्सिज में प्रवेश प्राप्त विद्यार्थियों को बड़ी राहत दी है। स्नातकोत्तर की डिग्री अब विद्यार्थी 5 वर्ष में पूरी कर सकेंगे। विश्वविद्यालय ने सीबीसीएस के अंतर्गत पीजी रैगुलेशन 2022 से कोर्स पास करने के लिए अधिकतम 3 मौकों की शर्त को हटा दिया है। इस शर्त के हटने से अब अगर विद्यार्थी की कम्पार्टमैंट आती है तो उसे इसमें उत्तीर्ण होने के लिए 5 वर्ष के अवधि के दौरान अधिकतम मौके मिल सकेंगे और विद्यार्थी रि-अपीयर की परीक्षाएं भी 2 से अधिक बार दे सकेगा।
हालांकि विश्वविद्यालय के ऑर्डिनैंस में स्नातकोत्तर की डिग्री पूरी करने के लिए 5 वर्ष की अवधि का समय का पहले से प्रावधान है, लेकिन सीबीसीएस के अंतर्गत पीजी रैगलुशन 2022 में रि-अपेयर के पेपर क्लीयर करने के लिए अधिकतम 3 मौके ही मिल रहे थे। यानी कि अगर पेपर के दौरान विद्यार्थी की रि-अपेयर आती है तो इसके बाद अगले 2 मौकों में उसे उक्त पेपर क्लीयर करना अनिवार्य था। इन मौकों के बाद भी अगर विद्यार्थी पास नहीं हो रहा था तो उसके रि-अपीयर के मौके समाप्त हो जा रहे थे।
पीजी रैगुलेशन 2022 में इस प्रावधान से विश्वविद्यालय के ऑर्डिनैंस में रखे गए 5 वर्ष में डिग्री पूरी करने का प्रावधान और सीबीसीएस के अंतर्गत पीजी रैगुलेशन 2022 आपस में मेल नहीं खा रहे थे, ऐसे में इस मामले को विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद (ईसी) के समक्ष रखा गया था और ईसी ने सीबीसीएस के अंतर्गत पीजी रैगुलेशन 2022 से कोर्स पास करने के लिए अधिकतम 3 मौकों की शर्त को हटाने को मंजूरी प्रदान कर दी है। ईसी से मंजूरी मिलने पर इस संबंध में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की ओर से अधिसूचना भी जारी कर दी है। अधिसूचना के जारी होने से अब स्नातकोत्तर कोर्स में अधिकतम 5 वर्ष में ही विद्यार्थी को डिग्री पूरी करनी होगी और इस समय अवधि के दौरान विद्यार्थी रि-अपीयर की परीक्षाएं भी 2 से अधिक बार दे सकेगा।