Edited By Kuldeep, Updated: 30 Jul, 2025 09:56 PM

राज्य में 2 दिन ऑरैंज अलर्ट के बीच हुई भारी बारिश के बाद अब गुरुवार से मौसम थोड़ा हल्का होने के आसार हैं। बेशक गुरुवार से 3 अगस्त तक यैलो अलर्ट रहेगा, लेकिन इस दौरान कुछ-कुछ जिलों में ही हल्की-फुल्की हलचल रहेगी।
शिमला (संतोष): राज्य में 2 दिन ऑरैंज अलर्ट के बीच हुई भारी बारिश के बाद अब गुरुवार से मौसम थोड़ा हल्का होने के आसार हैं। बेशक गुरुवार से 3 अगस्त तक यैलो अलर्ट रहेगा, लेकिन इस दौरान कुछ-कुछ जिलों में ही हल्की-फुल्की हलचल रहेगी। बुधवार को राजधानी शिमला सहित कई स्थानों पर बारिश हुई, जिसमें शिमला में 4, सुंदरनगर में 23, भुंतर में 2, कल्पा में 1.2, धर्मशाला में 47, केलांग में 1, मनाली में 3, कांगड़ा में 10, मंडी में 4, चम्बा में 12, भरमौर में 2, जुब्बड़हट्टी व कुकुमसेरी में 1-1 व नेरी में 3.5 मिलीमीटर वर्षा हुई। इसके अलावा मंगलवार रात्रि को कई स्थानों पर भारी बारिश हुई है। इसमें चुवाड़ी में सर्वाधिक 18, पालमपुर में 16, कांगड़ा में 12, नादौन में 8, पंडोह में 6, संगड़ाह में 6, देहरा गोपीपुर में 5, गोहर में 4, पच्छाद में 4, जोगिंद्रनगर में 4, चम्बा में 3 व धर्मशाला में 3 सैंटीमीटर वर्षा दर्ज की गई है।
54 संपर्क मार्ग और 205 बिजली ट्रांसफार्मर किए दुरुस्त
2 दिनों से ऑरैंज अलर्ट के बीच में बंद चल रहे संपर्क मार्गों को खोलने के लिए विभागीय लेबर व मशीनरी जुटी हुई है, जिसके चलते बुधवार को 54 संपर्क मार्ग दुरुस्त बनाए गए, जबकि राज्य में कोई भी नैशनल हाईवे बाधित नहीं है। राज्य परिचालन केंद्र के अनुसार बुधवार शाम तक 289 संपर्क मार्ग ही अवरुद्ध हैं, जिनमें से सबसे अधिक जिला मंडी में 193, कुल्लू में 47 व कांगड़ा में 18 संपर्क मार्ग बंद हैं। इसके साथ ही 205 बिजली ट्रांसफार्मर भी ठीक किए गए हैं। सुबह 551 ट्रांसफार्मर बंद थे, जबकि शाम तक 346 ट्रांसफार्मर ही ठप्प पड़े हुए हैं। पेयजल योजनाएं भी प्रभावित हुई हैं और 254 पेयजल योजनाएं बाधित चली हुई हैं।
170 लोगों की मौत, 35 लापता, 1,600 करोड़ की लगी चपत
20 जून से आरंभ हुए मानसून सीजन के 40 दिनों की अवधि में 170 लोगों की मौत, 278 घायल हुए हैं, जबकि 35 लोग लापता चल रहे हैं। मौतों का सर्वाधिक आंकड़ा जिला मंडी में 35 पहुंंच गया है, जबकि लापता लोगों की संख्या भी सबसे अधिक जिला मंडी में 27 लोग शामिल हैं। राज्य को अब तक करीब 1,600 करोड़ रुपए का नुक्सान हो चुका है, जिसमें लोक निर्माण विभाग को 804 करोड़ व जल शक्ति विभाग को 550 करोड़ रुपए की चपत लग चुकी है।