Edited By Kuldeep, Updated: 19 Jan, 2025 10:45 PM
आईजीएमसी शिमला में कैंसर रोगी की इंजैक्शन के अभाव में हुई मृत्यु के बाद जहां प्रदेश में बवाल मचा हुआ है और विपक्ष ने इसे खासा मुद्दा बनाया है, वहीं रविवार को मृतक की पत्नी ने आईजीएमसी शिमला आकर अस्पताल प्रशासन और सरकार को घेरा।
शिमला (संतोष): आईजीएमसी शिमला में कैंसर रोगी की इंजैक्शन के अभाव में हुई मृत्यु के बाद जहां प्रदेश में बवाल मचा हुआ है और विपक्ष ने इसे खासा मुद्दा बनाया है, वहीं रविवार को मृतक की पत्नी ने आईजीएमसी शिमला आकर अस्पताल प्रशासन और सरकार को घेरा। मृतक की पत्नी गीतांजलि शर्मा ने कहा कि उनके पति एक वर्ष से अधिक समय से कैंसर से पीड़ित थे और वे अपने रोगी को बड़ी मुश्किल से आईजीएमसी लाते थे। उन्हें 11 नवम्बर, 2024 को इंजैक्शन लगना था और उन्होंने अपने हिमकेयर कार्ड का भी नवीनीकरण किया और 11 नवम्बर से लगातार आईजीएमसी के चक्कर काटती रही, लेकिन इंजैक्शन के अभाव में उनके पति की मौत हो गई।
उन्होंने कहा कि उनके पति को न्याय मिले, ताकि किसी अन्य के साथ ऐसा न हो, जो उनके साथ हुआ है, जिसके लिए वह सरकार से न्याय दिलाने की गुहार लगाती हैं। उनके पति कुछ भी काम नहीं कर पाते थे और बीमारी की वजह से लाचार हो गए थे और सारा पैसा उनके इलाज के लिए खर्च हो गया और ऐसे में वे 50 हजार रुपए का इंजैक्शन कहां से लाते। उन्होंने सरकार से यह भी गुहार लगाई है कि उनके बच्चों को नौकरी दिलाई जाए, ताकि उनके परिवार का सही ढंग से भरण-पोषण हो सके।
उधर, इस मामले में समाजसेवी संजय शर्मा उर्फ बड़का भाऊ ने पीड़ित परिवार की मदद के लिए हाथ बढ़ाया है और पीड़ित परिवार के साथ आईजीएमसी पहुंचकर इस मामले में अस्पताल प्रशासन व सरकार को घेरा। संजय शर्मा ने आरोप लगाते हुए कि यह शर्मनाक है कि प्रशासन एक व्यक्ति को इंजैक्शन नहीं दे पाया, जिससे रोगी की मौत हो गई। उन्होंने कहा कि वह इस मामले में कानूनी राय लेंगे और इसमें आगे क्या किया जा सकता है, इस बारे में पूरी तरह से पड़ताल करेंगे और आवश्यकता हुई तो अदालत के दर पर भी न्याय की गुहार लगाई जाएगी।