Edited By Kuldeep, Updated: 06 Sep, 2025 09:10 PM

हिमाचल अब देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है, जिसकी साक्षरता दर 99.02 प्रतिशत हो गई है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू 8 सितम्बर को अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर शिमला के पीटरहॉफ में आयोजित “उल्लास मेला” के दौरान हिमाचल को पूर्ण साक्षर...
शिमला (ब्यूरो): हिमाचल अब देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है, जिसकी साक्षरता दर 99.02 प्रतिशत हो गई है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू 8 सितम्बर को अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर शिमला के पीटरहॉफ में आयोजित “उल्लास मेला” के दौरान हिमाचल को पूर्ण साक्षर राज्य घोषित करेंगे। यह क्षण प्रदेश और यहां के लोगों के लिए गौरव से भरने वाला होगा। राज्य ने भारत सरकार द्वारा तय 95 प्रतिशत साक्षरता के मानक को पार करते हुए रिकॉर्ड 99 प्रतिशत से अधिक साक्षरता हासिल कर ली है।
भारत सरकार को भेजे गए आधिकारिक पत्र के अनुसार, वर्ष 2022-2025 के दौरान ‘उल्लास-न्यू इंडिया लिटरेसी प्रोग्राम’ के तहत निरक्षर लोगों की पहचान कर उन्हें साक्षर बनाया गया। वर्ष 2023-24 और 2024-25 में दो चरणों में आयोजित एफएलएनएटी (बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान आकलन परीक्षा) में कुल 43,885 शिक्षार्थियों ने सफलता प्राप्त की। इसके अलावा वर्ष 2022 में चलाए गए पढ़ना-लिखना अभियान और वर्ष 2017 में शुरू किए गए साक्षर भारत मिशन के अंतर्गत भी हजारों लोगों को साक्षर किया गया।
प्रदेश में केवल 56,960 लोग निरक्षर
शिक्षा विभाग के अनुसार, फिलहाल प्रदेश में केवल 56,960 लोग निरक्षर हैं। इन्हें भी साक्षर बनाने के लिए पहले से ही विशेष कार्य योजना तैयार की गई है और विभाग ने इसके लिए नया अभियान चलाने की रूपरेखा बनाई है। शिक्षा विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2024 में प्रदेश की अनुमानित जनसंख्या 75.05 लाख है, जिसमें निरक्षरों की संख्या सिर्फ 56,960 रह गई है। यह उपलब्धि और भी बड़ी मानी जा रही है क्योंकि वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार हिमाचल की साक्षरता दर 82.8 प्रतिशत थी, जो अब एक दशक से भी कम समय में रिकॉर्ड 99 प्रतिशत तक पहुंच गई है।
राज्य सरकार ने इस उपलब्धि का श्रेय केंद्र सरकार, विशेष रूप से शिक्षा मंत्रालय के मार्गदर्शन और सहयोग को दिया है। इसके लिए मंत्रालय के सचिव को “उल्लास मेला” में विशेषातिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है। सचिव शिक्षा राकेश कंवर ने कहा कि हिमाचल का पूर्ण साक्षर राज्य बनना पूरे देश के लिए एक प्रेरणादायी उदाहरण है।