Shimla: हिमाचल में हैं 529 भालू व 510 तेंदुए

Edited By Kuldeep, Updated: 07 Oct, 2024 07:41 PM

shimla himachal bear leopard

हिमाचल प्रदेश में भालुओं की संख्या 529 के करीब है जबकि तेंदुओं की संख्या 510 के करीब पाई गई है। राज्य में प्रति 100 वर्ग किलोमीटर में 1 से अधिक भालू व 2 तेंदुए हैं।

शिमला (भूपिन्द्र): हिमाचल प्रदेश में भालुओं की संख्या 529 के करीब है जबकि तेंदुओं की संख्या 510 के करीब पाई गई है। राज्य में प्रति 100 वर्ग किलोमीटर में 1 से अधिक भालू व 2 तेंदुए हैं। यह बात जैड एसआई के शुरूआती अध्ययन में सामने आई है। इसकी जानकारी वन मुख्यालय में वाइल्ड लाइफ सप्ताह के तहत आयोजित सैमीनार में जैड एसआई के वैज्ञानिक डा. भीमदत्त जोशी ने दी। उन्होंने बताया कि लाहौल घाटी में वन्यजीवों व मनुष्यों के बीच अधिक टकराव की घटनाएं पाई गई हैं क्योंकि वहां पर जंगलों के करीब ही लोगों द्वारा खेती की जा रही है। अब तक प्रदेश में वन्यजीवों व मनुष्यों के बीच टकराव की 12703 घटनाएं हो चुकी हैं। उन्होंने बताया कि जैड एसआई वर्ष 2022 से हिमाचल में अध्ययन कर रहा है। इसके तहत पहले वन विभाग के 1942 अधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया तथा प्रदेश के हर क्षेत्र से नॉन इन्वेसिव सैंपल लिए तथा उनके डीएनए की जांच के बाद भालू व तेंदुओं की संख्या का अनुमान लगाने का प्रयास किया।

जैड एसआई ने इसके लिए करीब 2 हजार सैंपल लिए थे। अध्ययन में सामने आया है कि राज्य के 2 जिलों शिमला व किन्नौर में काले भालुओं तथा 4 जिलों जिला सोलन, सिरमौर, मंडी व बिलासपुर में तेंदुओं की संख्या अधिक पाई गई है। उन्होंने कहा कि चम्बा में वह फिर से भालुओं की संख्या को लेकर अध्ययन करेंगे। इस मौके पर वाइल्ड लाइफ एसओएस वसीम अकरम तथा नेचर कंजरवेशन फाऊंडेशन की दीप्ति बजाज ने भी प्रैजैंटेशन दी।

शिमला से गायब हो रहीं जमीनी वनस्पतियां : जिष्टु
एचएफआरआई के वैज्ञानिक विनीत जिष्टु ने कहा कि शिमला शहर से करीब 120 वर्षों में 30 फीसदी जमीनी वनस्पतियां गायब हो गई हैं। उन्होंने बताया कि जब अंग्रेज भारत में आकर बसे तो वे अपने साथ कई पौधे और सब्जियां लाए। परिणामस्वरूप ये पौधे उनके बगीचों से प्राकृतिक परिदृश्य में फैल गए तथा पिछले कुछ वर्षों में कई विदेशी पौधों ने जंगलों पर कब्जा कर लिया है विशेषकर शिमला में। समय के साथ कुछ विदेशी पौधे जैसे बिडेन्स पिलोसा, सोलनम चाकोन्स, टैगेटेस मिनुटा, विंका मेजर, सिम्बलरिया मुरलिस, क्रॉफ्टन वीड (एगेरेटिना एडेनोफोरा) आदि जंगलों में फैल गए हैं।

उन्होंने चिंता जताई कि अधिकांश लोग पौधों की रेयर वैल्यू नहीं समझते हैं। इस मौके पर एसीएस केके पंथ, पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ अमिताभ गौतम भी मौजूद रहे। केके पंथ ने कहा कि प्रदेश के जंगलों में 60 फीसदी फलदार पौधे लगाए जा रहे हैं। उन्होंने इसमें एचएफआरआई से सहयोग का आग्रह किया कि किस जंगल में किस प्रजाति के पौधे लगाए जाएं।

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!