Shimla: हिमाचली सेब पर फिर मंडराया विदेशी खतरा, बागवानों की बढ़ी परेशानी

Edited By Kuldeep, Updated: 23 Dec, 2025 10:49 PM

shimla himachal apples danger

न्यूजीलैंड के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमैंट (एफटीए) साइन करने से हिमाचल के बागवानों पर मार पड़ेगी। केंद्र सरकार ने न्यूजीलैंड के सेब पर आयात शुल्क को 50 फीसदी से घटाकर 25 फीसदी तथा कीवी व नाशपाती पर आयात शुल्क को घटाकर साढ़े 16 फीसदी किया है। इससे बागवानों...

शिमला (भूपिन्द्र): न्यूजीलैंड के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमैंट (एफ.टी.ए.) साइन करने से हिमाचल के बागवानों पर मार पड़ेगी। केंद्र सरकार ने न्यूजीलैंड के सेब पर आयात शुल्क को 50 फीसदी से घटाकर 25 फीसदी तथा कीवी व नाशपाती पर आयात शुल्क को घटाकर साढ़े 16 फीसदी किया है। इससे बागवानों की कमर टूट जाएगी। हिमाचल प्रदेश सहित जम्मू-कश्मीर व उत्तराखंड राज्य के सेब को विदेशी सेब से खतरा है। लगातार बड़ रही लागत तथा कम हो रहे दाम से जहां बागवान पहले से ही परेशान है, वहीं अब केंद्र द्वारा सेब पर आयात शुल्क घटाने से राज्य के बागवानों को नुक्सान उठाना पड़ेगा।

न्यूजीलैंड से जून से अगस्त तक सेब का आयात होगा और इसी दौरान हिमाचल प्रदेश के निचले व मध्यम क्षेत्रों में सेब का तुड़ान होता है। राज्य में अधिकांश सेब निचले व मध्यम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ही होता है। ऐसे में इन क्षेत्रों के बागवानों पर न्यूजीलैंड के सेब की मार पड़ेगी। हालांकि न्यूजीलैंड से आयात होने वाले सेब देश में 1.25 डॉलर प्रति किलो यानि 112 रुपए प्रति किलो की दर से बिकेगा। लेकिन हिमाचल के निचले व मध्यम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पैदा होने वाला सेब न्यूजीलैंड के अच्छी गुणवत्ता वाले सेब से प्रतिस्पर्धा नहीं कर पाएगा। साथ ही कीवी व नाशपाती के बागवानों को भी नुक्सान उठाना पड़ेगा। इससे हिमाचल के बागवानों की परेशानी बढ़ गई है।

न्यूजीलैंड से शुरू हुई कहानी अन्य देशों तक पहुंचेगी : दीपक सिंघा
स्टोन फ्रूट उत्पादक संघ के अध्यक्ष दीपक सिंघा ने कहा कि अभी कहानी न्यूजीलैंड से शुरू हुई है, जो आने वाले दिनों में अन्य देशों तक पहुंचेगी। उन्होंने कहा कि अब अन्य देश जैसे यू.एस.ए. व ईरान आदि भी वहां से आयात होने वाले सेब पर आयात शुल्क को घटाकर 25 फीसदी करने की मांग करेंगे। इससे हिमाचल सहित अन्य राज्यों के बागवानों को नुक्सान होगा तथा फल उत्पादक सड़कों पर आ जाएंगे।

एमआईपी लागू करे केंद्र : हरीश
संयुक्त किसान मंच के संयोजक हरीश चौहान ने कहा कि विदेशी सेब पर केंद्र ने एक लाइन क्रिएट कर दी है तथा आने वाले समय में यू.एस. के साथ ही जो समझौते की बात चल रही है। साथ ही अन्य देश भी इसी तर्ज पर एग्रीमैंट करने पर दबाव बनाएंगे। उन्होंने सरकार से आयात शुल्क को 100 फीसदी करने तथा एम.आई.पी. लागू करने की मांग की है।

सेब उद्योग की टूटेगी कमर, पुनर्विचार करे सरकार : रोहित ठाकुर
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार के इस निर्णय से सेब उद्योग की कमर टूटेगी। उन्होंने केंद्र सरकार से इस निर्णय पर पुनर्विचार करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि जैसा कि सेब बागवान आशंका जता रहे थे, वह अब सच साबित हो रहा है। न्यूजीलैंड के सेब पर आयात शुल्क कम करने से हिमाचल, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर सहित उन सभी राज्यों के लोगों को नुक्सान होगा, जहां पर सेब का उत्पादन होता है। इसके अलावा अब केंद्र सरकार यू.एस. व ईरान आदि देशों से आयात होने वाले सेब पर से भी आयात शुल्क कम करेगी।

7 सांसद व केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा केंद्र से उठाएं मामला
रोहित ठाकुर ने कहा कि हिमाचल से भाजपा के 7 सांसद हैं। साथ ही हिमाचल से केंद्रीय मंत्री जगत प्रकाश नड्डा हैं। हिमाचल के लोगों ने सभी भाजपा के सांसद जिताए हैं। ऐसे में इन सभी को हिमाचल के बागवानों का मुद्दा केंद्र सरकार व प्रधानमंत्री से उठाना चाहिए, ताकि केंद्र इस पर पुनर्विचार करे।

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